विलोम या विपरीतार्थक शब्द | Vilom Shabd in Hindi (Antonyms)हिंदी व्याकरण में कई सारे शब्द ऐसे हैं जिनके बारे में हम अधूरी जानकारी रखते हैं.
या यूं कह सकते हैं कि कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनके बारे में हम ज्यादा पढ़ते नहीं हैं और इस वजह से उनकी हमें अधिक जानकारी नहीं प्राप्त होती है|
विलोम या विपरीतार्थक शब्द | Vilom Shabd in Hindi (Antonyms)
जब हम विद्यालयों में होते हैं, तब हमें हिंदी व्याकरण के बारे में समुचित जानकारी दी जाती है लेकिन जैसे ही हम उस उम्र से आगे निकल जाते हैं, तो हम हिंदी व्याकरण से संबंधित उन बातों को भुला बैठते हैं जो हमने पहले कभी पढ़ा हुआ था|
ऐसे में हिंदी व्याकरण में कई सारे ऐसे शब्द अथवा जानकारियां मिल जाती हैं जिनकी बदौलत हम हिंदी को एक नए सिरे से समझ सकते हैं और होने वाली किसी भी दिक्कत को दूर कर सकते हैं|
सामान्य तौर पर देखा जाता है कि हिंदी व्याकरण में ऐसे वाक्य या शब्द होते हैं जिन्हें हम बोलचाल के जरिए कई बार इस्तेमाल कर देते हैं लेकिन अगर गौर करें तो हमें उनके बारे में जानकारी नहीं प्राप्त होती है।
ऐसे में हर आयु वर्ग के लिए जरूरी हो जाता है कि वह भी हिंदी व्याकरण कीसमुचित जानकारी लेते हुए जानकारी हासिल कर सके और आने वाली परेशानी से निपटा जा सके|
ऐसे में आज हम आपको हिंदी व्याकरण के ही बहुत ही महत्वपूर्ण विलोम शब्द के बारे में जानकारी देंगे जो आपके लिए जानना जरूरी है और जिनके माध्यम से आप अपने स्तर को लगातार आगे कर सकते हैं|
विलोम शब्द क्या है?
हिंदी व्याकरण में सामान्य रूप से उपयोग होने वाले शब्द जिनमें से एक विलोम शब्द होते हैं जिन्हें हम ज्यादातर अपने दिनचर्या में उपयोग करते हैं या फिर बोलचाल की भाषा में भी हम अपने रिश्तेदारों या पड़ोसियों से बात करते हैं।
दरअसल विलोम शब्द वे शब्द होते हैं जो एक दूसरे के उल्टे होते हैं जिनका मतलब एक दूसरे से बिल्कुल विपरीत होता है जिन्हें हम विपरितार्थक शब्द भी कह सकते हैं|
एक बात का ध्यान रखना होगा की संज्ञा का विलोम हमेशा संज्ञा, सर्वनाम का विलोम हमेशा सर्वनाम, विशेषण का विलोम शब्द विशेषण और क्रिया का विलोम सदा क्रियापद शब्द होते हैं जिन्हें हम विलोम शब्द के रूप में इस्तेमाल किया करते हैं
विलोम शब्द की रचना के प्रकार
जब भी हम किसी विलोम शब्द के बारे में पढ़ते हैं, तो हमेशा उनकी रचना के बारे में ध्यान नहीं देते क्योंकि हम ज्यादातर उन की जड़ तक नहीं जाते|
ऐसे में आज हम आपको विलोम शब्द की रचना से संबंधित कुछ तथ्यों के बारे में जानकारी देंगे ताकि आप भी उनके बारे में जानकारी हासिल कर सकें|
- प्रचलित शब्दों के विलोम शब्द — कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो प्रचलित होते हैं और जिनका हम ज्यादातर अपनी दिनचर्या में उपयोग भी करते हैं लेकिन हमें इस बात की जानकारी नहीं होती की प्रचलित शब्दों के द्वारा ही विलोम शब्द बनाए जा सकते हैं या रचना की जा सकती है। ऐसे में उदाहरण के रूप में हम आस्तिक– नास्तिक, दानव —मानव, गुप्त – प्रकट, सुगम– दुर्गम आदि शब्दों का उपयोग कर सकते हैं|
- लिंग परिवर्तन के विलोम शब्द— कुछ विलोम शब्द ऐसे होते हैं जिनकी रचना हम लिंग परिवर्तन करने से कर सकते हैं| ऐसे में सामान्य रूप से हम एक नया शब्द उत्पन्न करते हैं और उसके बारे में हम जानकारी भी ले सकते हैं ऐसे में उदाहरण के रूप में मुख्य रूप से मामा – मामी, नाना —नानी, काका — काकी, जेठ– जेठानी, ननंद —नंदोई, देवर — देवरानी आदि शब्दों को देख सकते हैं|
- स्वतंत्र शब्दों के विलोम शब्द— कुछ विलोम शब्द ऐसे शब्द होते हैं, जो पूर्ण रूप से स्वतंत्र होते हैं और जो एक नए शब्द के रूप में हमें प्राप्त होते हैं और इन शब्दों का इस्तेमाल भी हम करते हैं उदाहरण के रूप में दास स्वामी, भंजक योजक, सुपथ कुपथ, सनाथ अनाथ आदि|
- उपसर्ग वाले विलोम शब्द—- कई विलोम शब्दों की रचना उपसर्ग लगाकर करते हैं जिनमें मुख्य रुप से अ, अप, नीर, निस शामिल होते हैं| उदाहरण के रूप में हिंसा अहिंसा, सामान्यशत्रु असामान्य, अभिज्ञ अनभिज्ञ, निष्क्रिय सक्रिय, आदर निरादर, आगामी प्रतिगामी, सुपुत्र सुपुत्र आदि शामिल होते हैं|
- विभिन्न शब्दों के विलोम शब्द— कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनका किसी भी तरीके से लेनदेन या तालमेल नहीं होता और ऐसे में भी विलोम शब्द की रचना की जा सकती है। उदाहरण के रूप में लाभ हानि, लाभ-हानि कट, लघु गुरु, मुक वाचाल आदि |
कुछ प्रमुख विलोम शब्द—-
कुछ विलोम शब्द ऐसे होते हैं जिनका हम प्रमुखता से उपयोग करते हैं और ज्यादा से ज्यादा जानकारी नहीं रखते हैं|
आज हम आपको ऐसे कुछ मुख्य विलोम शब्दों के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जो निश्चित रूप से ही आपके काम आएंगे|
- शत्रु –मित्र
- रात —दिन
- दिन – रात
- अमृत — विश
- अल्पआयु – दीर्घायु
- एकता – अनेकता
- एक — अनेक
- नगद— उधार
- शयन — जागरण
- वरदान— अभिशाप
- सगुण — निर्गुण
- ठोस —तरल
- नूतन —पुरातन
- निरक्षर —साक्षर
- सौभाग्य— दुर्भाग्य
- सरस — नीरस
- निंदा — स्तुति
- मौखिक— लिखित
- सुगंध —दुर्गंध
- सजीव –निर्जीव
- गुप्त— प्रकट
- दाता — याचक
- आय— व्यय
- पंडित — मूर्ख
- बुद्धिमान —बुद्धिहीन
- भूत — भविष्य
- अनुलोम— विलोम
- महात्मा — दुरात्मा
- देव — दानव
- ज्यादा — कम
- बहुत – थोड़ा
- सरल —कुटिल
- मित्रता — शत्रुता
- चालाक — बुद्धू
- अनुकूल — प्रतिकूल
- अगला —पिछला
- आज —कल
- दोष —निर्दोष
- अस्त— उदय
- अति —अल्प
- अनिवार्य —वैकल्पिक
- मूल्यवान — अमूल्यवान
- आना– जाना
- लोक — परलोक
- उपयोग — दुरुपयोग
- आगमन— प्रस्थान
- आंतरिक— बाहरी
- स्थिर — अस्थिर
- अच्छा— बुरा
- असंभव —संभव
- अतिवृष्टि —अनावृष्टि
- अमावस्या —पूर्णिमा
- आकाश— पाताल
- आहार— निराहार
- आदर —अनादर
- आग — पानी
- आशा — निराशा
- आशीष — अभिशाप
- आशंका — विश्वास
- आनंदमय— विषाद पूर्ण
- आज्ञा — अवज्ञा
- आमंत्रित — अनामंत्रित
- आडंबर — सादगी
- इज्जत — बेइज्जत
- इधर — उधर
- ईमानदार — बेईमान
- उद्घाटन — समापन
- उचित — अनुचित
- उद्भव — अवसान
- एकाग्र —चंचल
- एकमुखी – बहुमुखी
- एकाधिकार — सर्वाधिकार
- एकल —समूह
- ओझा —गंभीर
- ओहो — वाह
- ओतप्रोत — विहीन
- औरत — मर्द
- औपचारिक —अनौपचारिक
- कर्कश– सुशील
- कुटिल — सरल
- कृष्ण —शुक्ल
- काल — अकाल
- कामी — ब्रह्मचारी
- कुंठित — अकुंठित
- कुलीन — अकुलीन
- कुख्यात —विख्यात
- कुकृति — सुकृति
- कोमल — कठोर
- कृत्रिम — प्राकृत
- सपूत— कपूत
- कलयुग — सतयुग
- कल्याण — अकल्याण
- खिलना — मुरझाना
- खुशमिजाज — बदमिजाज
- खास — आम
- खरा – खोटा
- खूबसूरत — बदसूरत
- खेद —प्रसन्नता
- गणतंत्र – राजतंत्र
- गोरा — काला
- गरिमा — लघिमा
- गृहस्थ — सन्यासी
- गौरव– राघव
- गुण— दोष
- गोचर — अगोचर
- गुनहगार— बेगुनाह
- घर— बाहर
- घटना— बढ़ना
- घात— प्रतिघात
- घरेलू — बाहरी
- चिरायु —अल्पायु
- चोर— साधु
- चल –अचल
- चिकना — खुरदुरा
- चैन — बेचैन
- छोरा — छोरी
- जाति — विजाति
- जाली— असली
- जोड़ — घटाव
- जवानी — बुढ़ापा
- ज्योति — दम
- झगड़ा— शांति
- झूठ — सच
- झोपड़ी — महल
- ठीक— गलत
- तरुण – वृद्ध
- तृप्त — अतृप्त
- तेज — धीमा
- ताजा— बासी
- थोड़ा — बहुत
- दृश्य — अदृश्य
- दक्षिण – उत्तर
- देनदार — लेनदार
- दंड — पुरस्कार
- देव — दानव
- दाखिल—— खारिज
- दुर्लभ —सुलभ
- दास —स्वामी
- धरा — गगन
- धर्म — अधर्म
- धनी — निर्धन
- धीरता – अधीरता
- धैर्य — अधैर्य
- नया — पुराना
- निरोगी — रोगी
- निर्दोष — सदोष
- नागरिक — ग्रामीण
- न्याय — अन्याय
- निर्मल — मर्लिन
- निरक्षर —साक्षर
- निर्भीक — भयभीत
- नैतिक— अनैतिक
- निर्माण — विनाश
- मोटा — पतला
- गोरा – काला
- स्त्री — पुरुष
- माता — पिता
- अनादि — अंत
- अंतरंग — बहिरंग
- अरुचि —सुरुचि
- रात — दिन
- उत्थान — पतन
- मौखिक — लिखित
- दाया — बाया
इस प्रकार से आज हमने आपको कुछ विलोम शब्द के बारे में जानकारी दी है जिनका हम बेहतरी से उपयोग कर सकते हैं और वाक्यों का प्रयोग किया जा सकता है|
विलोम शब्द का ज्ञान किताबों से भी
अगर आपको और ज्यादा विलोम शब्द के बारे में जानकारी हासिल करना है, तो इसके लिए आप कुछ मुख्य किताबों से ही ज्ञान हासिल कर सकते हैं जो हिंदी व्याकरण से संबंधित होती हैं।
सामान्य रूप से इन किताबों में आपको मुख्य रूप से हिंदी व्याकरण की सारी जानकारी मिलती है और खास तौर से विलोम शब्द के बारे में जानकारी प्राप्त किया जा सकता है|
इसमें हम विलोम शब्द के साथ-साथ उसके सही उपयोग के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकते हैं सामान्य तौर पर बाजारों में कई प्रकार की ऐसी किताबें उपलब्ध है, जो विलोम शब्द पर आधारित होती हैं| ऐसे में आप निश्चित रूप से इन किताबों से ही ज्ञान अर्जित कर आगे बढ़ सकते हैं|
विलोम शब्द की विस्तृत जानकारी
हिंदी व्याकरण के उन तमाम शब्दों में विलोम शब्द मुख्य माना जाता है जिन की विस्तृत जानकारी होना अनिवार्य है। कई बार सही जानकारी नहीं होने से भी बात सही तरीके से आगे नहीं बढ़ पाती और कई प्रकार की सुविधाएं सामने आती हैं|
विलोम शब्द की विस्तृत जानकारी निरंतर रूप से विभिन्न प्रकार के लेखों के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है, जिसका हिंदी व्याकरण में एक अपूरणीय स्थान हो| ऐसे में कई बार हम ध्यान नहीं देते हैं और उटपटांग शब्दों का इस्तेमाल करने लगते हैं|
हमने यहां पर एक लंबी लिस्ट भी दी हुई है, जहां पर आप सही तरीके से विलोम शब्द के बारे में विस्तृत जानकारी लेते हुए आगे बढ़ सकते हैं और भविष्य में भी निश्चित रूप से इन शब्दों के माध्यम से अपने लेख को पूरा भी किया जा सकता है|
इसके अलावा हम विस्तृत जानकारी अपने दैनिक जीवन से ही हासिल कर सकते हैं जहां हम बातचीत के बहाने या पढ़ने के तरीकों से भी विलोम शब्द की विस्तृत जानकारी लेने में कामयाब हो सकते हैं।
हमेशा अपने वाक्यों को ध्यान से लिखकर और पढ़कर विलोम शब्दों का इस्तेमाल करने से भी जानकारी हासिल होती है जहां हमारा ज्ञान दिनों दिन बढ़ता है और हम हिंदी व्याकरण को भी एक नए सिरे से पढ़ते हुए आगे जानकारी हासिल कर सकते हैं और दूसरों को सहायता पहुंचा सकते हैं|