रोबोट पर निबंध Essay On Robot In Hindi Language

Essay On Robot In Hindi Language रोबोट पर निबंध: रोबोट और रोबोटिक्स के बारे में आपने सुना होगा. Essay On Robot में आज का हमारा विषय robot information को लेकर हैं.

मानव की तरह दिखने एवं कंप्यूटर मशीन की तरह काम करने वाले रोबोट क्या होते हैं यदि मैं रोबोट होता तो (robot essay in hindi) में बच्चों के लिए छोटा बड़ा निबंध यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं.

रोबोट पर निबंध Essay On Robot In Hindi Language

रोबोट पर निबंध Essay On Robot In Hindi Language

Hindi Essay On Robot: मनुष्य ने विज्ञान की सहायता से अपने लिए विभिन्न प्रकार के यंत्रों का निर्माण शुरू कर दिया था. और आज स्थिति यह हो गई हैं कि यदि कोई व्यक्ति चाहे तो हर काम के लिए एक अलग यंत्र प्राप्त कर सकता हैं.

कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन, बर्तन धोने के लिए डिश वाश, फर्श साफ़ करने के लिए मशीन, लोगों से बात करने के लिए कई प्रकार के यंत्र, इत्यादि के रूप में मनुष्य ने अपने आस-पास यंत्रों की एक पूरी फौज तैयार कर ली हैं.

इसके बाद भी उसे एक ऐसे यंत्र की कमी महसूस हुई, जो मनुष्य की तरह उनकी सेवा कर सके. इसी कमी को दूर करने के लिए उसने मनुष्य की भांति कार्य कर सकने वाले यंत्र का निर्माण किया. इसी यंत्र को रोबोट या यंत्र मानव कहा जाता हैं.

यंत्र मानव का इतिहास काफी पुराना हैं और निश्चित तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि सबसे पहले किसने रोबोट निर्माण पर कार्य आरम्भ किया था.

पन्द्रहवीं शताब्दी के महान वैज्ञानिक एवं चित्रकार लियोनार्दो द विन्ची ने भी एक ऐसे यंत्र मानव की यांत्रिकी का चित्रण अपनी पुस्तकों में किया था. जो बैठ सकता था तथा अपनी बाहें, सिर व जबड़े भी हिला सकता था.

इसके बाद जापान के कुछ वैज्ञानिकों ने रोबोट के विकास हेतु कार्य आरम्भ किया. सन 1920 ई में कैरेल कैपेक ने अपने एक काल्पनिक नामक रोसम्स युनिवर्सल रोबोट्स में नाटक के पात्र यंत्र मानवों के लिए रोबोट शब्द का प्रयोग किया था.

इसके बाद से आधुनिक मानव यंत्रों  के लिए रोबोट शब्द का प्रयोग होने लगा. रोबोट शब्द का शाब्दिक अर्थ होता हैं बंधुआ मजदूर.

वास्तव में देखा जाए तो रोबोट मनुष्य के लिए बंधुआ मजदूर की भांति ही कार्य करते हैं. जापान की कुछ कम्पनियाँ अच्छे एवं प्रसिद्ध रोबोटों का निर्माण करती हैं.

एसिमो भी एक ऐसा ही रोबोट हैं, गैनोइड एक ऐसा रोबोट हैं जो एक स्त्री की तरह दीखता हैं एवं जो लोगों का अभिवादन करने एवं उन्हें दिलासा देने में सक्षम हैं.

तकनीक एवं रचना के दृष्टिकोण से रोबोट कई प्रकार के होते हैं. आजकल सॉफ्ट एवं स्वार्म रोबोट अधिक प्रसिद्ध हैं. सॉफ्ट रोबोट को कंप्यूटर सोफ्टवेयर के माध्यम से प्रोग्रमित किया जाता हैं.

स्वार्म रोबोट चींटी एवं मधुमक्खियों से प्रेरित होकर बनाया गया था. ऐसे रोबोट अत्यधिक संख्या में निर्माण कर रोबोटों के एक झुण्ड का रूप दिया जा रहा हैं.

Essay On Robot – रोबोट पर निबंध

आधुनिक रोबोट को कंप्यूटर तकनीक से इस प्रकार बनाया जाता हैं कि वह विभिन्न प्रकार के कार्य कर सकने में सक्षम होता हैं. आधुनिक रोबोट बोल सकता हैं.

बात चीत कर सकता हैं, मनुष्य के पैर दबा सकता हैं. उसके लिए खाना बना सकता हैं एवं उसके खर्च के हिसाब किताब भी रख सकता हैं.

कुछ ऐसे रोबोट का भी निर्माण किया गया, जो कार एवं ट्रेन चलाने में भी सक्षम हैं. इसके अतिरिक्त एक मनुष्य की भांति व्यक्ति के अकेलेपन को दूर करने के लिए भी रोबोट का निर्माण किया जा रहा हैं. घरेलू कार्यों को सम्पन्न करने में रोबोट की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती हैं. इस तरह देखा जाए तो रोबोट मनुष्य के लिए काफी लाभप्रद हो सकते हैं.

कई स्थानों पर रोबोट की मदद से ऐसे कार्यों को किया जा रहा हैं. जो मनुष्य के लिए संभव नहीं हैं. गंदे स्थानों पर काम करना मनुष्य के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सही नहीं होता. यहाँ रोबोट मनुष्य की मदद करते हैं.

विकसित देशों में अत्यधिक गंदे एवं खतरनाक स्थानों पर कार्य करने के लिए रोबोट की मदद ली जाती हैं. इसके अतिरिक्त अंतरिक्ष से संबंधित कुछ खोज, प्रयोग शाला एवं हथियारों के निर्माण में रोबोट सहायक साबित होते हैं.

आजकल कुछ ऐसे रोबोट भी प्रचलन में हैं जो मनुष्य की सर्जरी करने में सक्षम हैं. कुछ रोबोट तो ऐसे भी हैं. जो गाकर एवं नाच कर मनुष्य का मनोरंजन भी कर सकते है. इस समय कृत्रिम बुद्धि से सम्पन्न रोबोट के निर्माण के प्रयास किये जा रहे हैं.

ऐसे रोबोट अपने आस पास के वातावरण को समझ सकते हैनं और चीजों में फेर बदल भी कर सकते हैं और चीजों में भी फेर बदल कर सकते हैं. आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न प्रकार के लोगों से सम्पर्क साध सकते हैं.

ये रोबोट कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रोग्रमित करने योग्य तथा स्वचालित होते हैं. एवं मनुष्य की सेवा मनुष्य की तरह ही करते हैं.

Hindi Essay on “Robot” ”रोबोट” Complete Hindi Essay for Class 10

बहरहाल रोबोट यदि मनुष्य के लिए सहायक साबित हो सकते हैं तो इसके अत्यधिक उपयोग अथवा दुरूपयोग से कुछ गलत परिणाम भी संभव हैं.

रोबोट का प्रयोग हर कार्य के लिए नहीं किया जा सकता एवं प्रोद्योगिकी में अत्यधिक प्रगति के बाद भी ये मनुष्य के विकल्प नहीं बन सकते. रोबोट पर अत्यधिक निर्भरता मनुष्य को आलसी और कामचोर बना सकती हैं.

हालांकि रोबोट खरीदना आम आदमी के लिए संभव नहीं हैं. किन्तु ऐसे अमीर आदमी जो रोबोट खरीदेगे, वो रोबोट के माध्यम से अपने हर काम को अंजाम देना चाहेगे, जिसके कारण आम आदमी की बेरोजगारी बढ़ेगी.

रोबोट, व्यक्ति का मनोरंजन कर सकता हैं. और उसकी सहायता भी कर सकता हैं मगर वह मनुष्य की भांति उसके सुख दुःख का साथी नहीं हो सकता हैं.

रोबोट पर निर्भरता के कारण व्यक्ति का दूसरे व्यक्तियों से सम्पर्क कम होने लगेगा. जिसके परिणामस्वरूप वह स्वाभाविक जीवन नही जी पाएगा. मनुष्य ऐसे में जान की क्षति के डर से यथासंभव बचने की कोशिश करता हैं.

ऐसे में रोबोट सैनिकों का निर्माण होने से मानवता के लिए खतरा उत्पन्न हो जाएगा. कुछ वैज्ञानिकों का मानना हैंकि रोबोट निर्माण के क्षेत्र में जिस तेजी से प्रगति हो रही हैं. यह प्रगति दर यदि अगले कुछ दशकों तक जारी रही तो मनुष्य ऐसे रोबोट का निर्माण करने में सक्षम हो जाएगा, जो मनुष्य की तरह बुद्धिमान होंगे.

इसका कुपरिणाम यह भी हो सकता हैं कि वैसे रोबोट मनुष्य को अपना गुलाम बनाने का प्रयास करें.  यदि रोबोट अपराधिक प्रवृति के लोगों के हाथ लग गये तो वे इसका दुरूपयोग करेंगे. दुनियां की किसी भी चीज का दुरूपयोग बुरा होता हैं.

यदि रोबोट का दुरूपयोग किया गया तो इसके परिणाम निश्चित तौर पर बुरे होंगे, किन्तु यदि इसका उपयोग मनुष्य की भलाई के लिए किया गया होता तो निश्चित तौर पर ये विज्ञान प्रदत्त वरदान साबित होंगे.

रोबोटों का प्रयोग आजकल अनुसंधान से लेकर चिकित्सा तक हर क्षेत्र में किया जाता हैं, किन्तु इनका प्रयोग मनुष्य के बिना संभव नहीं हैं. रोबोट का प्रयोग भले ही बढ़े, लेकिन मनुष्य को यह ध्यान रखना चाहिए कि रोबोट को अपना गुलाम बनाने के क्रम में मनुष्यता पर कोई आंच न आए.

आखिर रोबोट का आविष्कार भी मनुष्य की भलाई के लिए ही हुआ हैं. यदि इससे मानवता को खतरा पहुचता हैं तो वैसी स्थिति में रोबोट के विकास में अगला कदम उठाने से पहले उसे अच्छी तरह सोच लेना चाहिए.

Robotics In Hindi | 8 ह्यूमन रोबोटिक्स की दुनिया

टेक्नोलॉजी इस कद्र आगे बढ़ चुकी हे की जो चीज हम सपने में भी नहीं सोच सकते आज वो हकीकत हे. हमने कभी नहीं सोचा था की एक इंसान का काम मशीन करेगी. आज देख लो विदेशों में इंसान के काम भी रोबोट कर रहे हे.

भारत के दिवाकर वैश्य ने भी ऐसा रोबोट बनाया था. दो महीने की मेहनत से उन्होंने रोबोट को मानव का रूप दिया. इसे WiFi और ब्लूटूथ से भी जोड़ा जा सकता हे.

इस रोबोटिक मानव की बैटरी 1 घंटे तक चलती हे. इसमें कुल 21 सेंसर लगे हुए हे. यह रोबोट हमारी एक आवाज पर चल सकता हे. आज में आपको कुछ ऐसे ही ह्यूमन के नाम बता रहा हु जिन्होंने रोबोटिक्स की दुनिया में तहलका मचा दिया.

नेक्सी

MIT मीडिया लैब तथा मीका रोबोटिक्स ने 2008 में एक अनूठा मोबाइल एक्सपेरिमेंटल रोबोट बनाया जो ना केवल चेहरे पर हावभाव प्रकट कर सकता था बल्कि उंगलियों से भी चीजें उठा सकता था.

रीम-बी

2008 में एक ऐसा रोबोट बनाया गया जो ना केवल आवाज पर प्रतिक्रिया दे सकता था बल्कि चेहरे भी पहचान सकता था और खुद चल भी सकता था. यह रोबोट अपने वजन के 20% के बराबर भार भी उठा सकता था.

कोबियन

जापान के वसेट्रा विश्वविधालय ने वर्ष 2009 में कोबियन ह्युमन रोबोट विकसित किया जो चलने और बोलने के साथ-साथ अलग-अलग भाव प्रकट कर सकता था.

रोबोनाट 2

नासा और जनरल मोटर्स कम्पनी ने टांगो वाला एक विकसित रोबोट बनाया जो स्पेस स्टेशन के अंदर चल सकता था और ऊंचाई पर भी चढ़ सकता था. यह 24 फरवरी 2011 को लोंच होए स्पेस शटल डिस्कवरी मिशन का हिस्सा था.

असीमो

यह दूसरी पीढ़ी का रोबोट था जो 3 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दोड़ सकता था और उछलने में भी सक्षम था. हौंडा कम्पनी द्वारा विकसित इस रोबोट में स्वतंत्र मूवमेंट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया था.

शैफ्ट

टोक्यो विश्वविधालय द्वारा विकसित इस रोबोट ने 2013 में DARPA रोबोटिक्स चैलेंज जीता था. इसे बाद में गूगल कम्पनी में अपने स्वामित्व में ले लिया.

यह एक ऐसा नवीन रोबोट था जो मानवीय कार्यों को करने वाली गतिविधियों पर नियन्त्रण रख सकता था.

पेप्पर

जापान के सॉफ्टबैंक कारपोरेशन की सहायक इकाई एल्डेबेरेन रोबोटिक्स SA ने यह ह्युमन रोबोट विकसित किया को लोगो के साथ रह सकता था, भावनाओं को प्रकट कर सकता था और लोगों से बातचीत कर सकता था.

मानव

भारत के अग्रणी कंप्यूटर संस्थान A-SET ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट के रोबोटिक्स एंड रिसर्च हेड दिवाकर वैश्य ने भारत का पहला थ्रीडी प्रिंटिंग रोबोट बनाया था.

जिसकी प्रोसेसिंग क्षमता इसे मनुष्य के बराबर बोलने और चलने योग्य बनाती हे. भारत का पहला रोबोट हे जिसमे थ्री दी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया.

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