Nanak bhil Biography In Hindi | नानक भील का जीवन परिचय
बूंदी में रियासती अत्याचारों एवं अंग्रेजी हुकूमत के विरोध में जनजागृति पैदा करने के लिए जाना गया नानक भील, जो गाँव गाँव झंडा लेकर गीत गाया करता था और किसान आंदोलन की सफलता के लिए लोगों को प्रेरित करता था.
13 जून 1972 को डाबी गाँव के तालाब की पाल पर एक विशाल जनसभा का आयोजन हो रहा था, सभा में जनसमूह जोशीले नारे लगा रहा था, राष्ट्रीय गीतों की समा बन्धी हुई थी. यह द्रश्य रियासती पुलिस के प्रमुख एवं जवानों से देखा नहीं जा रहा था. पुलिस अधीक्षक इकराम हुसैन अपनी पुलिस फौज की टुकडियां के साथ मौके की तलाश में था.
अपार जनसमूह क्रांति गीत गाने लगा. जिससे हाकिम इकराम हुसैन क्रोधित हो गया उसने लाठी चार्ज एवं गोलीबारी का आदेश दिया. पहली ही गोली नानक भील को लगी और वे मंच पर ही शहीद हो गये. देवगढ़ के पास एक नाले के किनारे नानक भील का अंतिम संस्कार किया गया.
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