Npa Full Form In Hindi | NPA क्या होता है? एनपीए की पूरी जानकारी

Npa Full Form In Hindi: अक्सर Npa एनपीए मीनिंग हमे समाचार पत्रों में सुनने को आती हैं. यह एक बैंक से जुड़ी टर्म हैं. क्या आप npa ka full form जानते है एनपीए अर्थ मीनिंग यह क्या है.

इस बारे में आपकों जानकारी नही है तो आप सही जगह पर हैं. आज हम एनपीए की पूरी जानकारी यहाँ प्रदान करेगे, hindi meaning और हिंदी अर्थ के बारे में चलिए आपकों बताते हैं.

NPA एनपीए की पूरी जानकारी What Is Full Form Of Npa In Hindi

NPA एनपीए की पूरी जानकारी What Is Full Form Of Npa In Hindi

एन.पी.ए क्या है? (Full Form & npa meaning in hindi)

अंग्रेजी में एनपीए को “Non Performing Assets” कहा जाता है इसे हिंदी में अनर्जक परिसंपत्ति भी कहा जाता हैं. यह एक नकारात्मक शब्द हैं. भारत में अधिकतर लोन बैंक द्वारा जारी किये जाते हैं.

लोन छोटे व बड़े आकार व अवधि के होते हैं. छोटी अवधि व रकम के लोन की सुरक्षा बैंक द्वारा पूरी तरह कठोरता के साथ की जाती हैं.

लोन न चुका पाने की स्थिति में सम्ब न्धित व्यक्ति को परेशान करना, उसकी सम्पति को नीलाम कर देना आदि बैंक के अधिकार होते हैं. जबकि बड़े लोन के मामले में ऐसा नही होता हैं.

जब किसी देनदार से, जिन्होंने बैंक से कर्ज लिया है तथा उनसे ३ माह तक कोई EMI प्राप्त नही होती है तो बैंक द्वारा उनके खाते को NPA की श्रेणी में डाल दिया जाता हैं.

यानि इस अकाउंट से अब लोन के पैसे चुकाएं जाने की संभावनाएं बेहद कम हैं इसे ही Non Performing Asset या bad loans  कहा जाता हैं. वर्तमान में यह भारतीय बैंकों के लिए तथा अर्थव्यवस्था के लिए सबसे हानिकारक संकेत हैं.

यानि बैंक से आपने एक लाख रूपये तक का ब्याज लिया है, जिन्हें ब्याज सहित आपकों ४ हजार रूपये हर माह बैंक को भुगतान करना हैं.

यदि आप लगातार तीन माह तक बैंक को किश्त नही दे पाते हैं तो नियमानुसार बैंक द्वारा आपके अकाउंट को एक विशेष टर्म NPA से चिन्हित कर लिया जाता हैं.

अब बैंक आपकी सम्पति को नीलाम कर अपने धन की वापसी को सुनिश्चित करने की तैयारी में लग जाती हैं.

भारत में एनपीए और बैंक (npa in banks in hindi)

जैसा कि हमने आपकों ऊपर बताया कि NPA का अर्थव्यवस्था में कोई हिस्सा नही होता हैं. कोई व्यक्ति बैंक से लोन प्रापर करता है तथा एक निर्धारित समयावधि के बाद बैंक को लगता है कि वह अब उस लोन की राशि को नही वसूल पाता हैं, तो इसे NPA की श्रेणी में डाल दिया जाता हैं, इसे लोन डिफ़ॉल्ट भी कहा जा सकता हैं.

कई बार बैंक द्वारा ग्राहक को लोन देते समय उनकी परिसंपत्तियों का ठीक से आंकलन न कर पाने के कारण तथा सम्बन्धित व्यक्ति अथवा कम्पनी के दिवालिया हो जाने की स्थिति में ऐसी चीजे देखने में आती हैं. हाल ही में किंगफिशर के विजय माल्या का उदहारण हम सभी के सामने हैं.

एनपीए के नुकसान (What is NPA in banking sector?)

npa kya hai आप अच्छी तरह से जानते हैं. इसका फायदा किसी को भी नही हैं चाहे वो बैंक हो या देश की अर्थव्यवस्था अथवा लोन लेने वाला व्यक्ति.

विजय माल्या, नीरव मोदी इत्यादि के अकाउंट NPA होने से सबसे बड़ा नुकसान उन बैंकों तथा उनके शेयर होल्डर्स को पड़ा.

जिनके हजारों करोड़ रूपये माल्या लेकर विदेश चला गया. इससे सम्बन्धित देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा.

यह एक तरह का राष्ट्र विरोधी कर्म था, जिसके कारण अब वह दिवालिया घोषित होने के बाद विदेशों में छुपता फिर रहा हैं.

NPA के प्रकार

मोटे मोटे तौर पर एनपीए को तीन श्रेणी में बांटा जाता हैं, जिनके नाम और विवरण इस प्रकार हैं.

  • सबस्टैंडर्ड असेट्स: अगर किसी ग्राहक का बैंक अकाउंट एक वित्तीय वर्ष की अवधि के दौरान एनपीए में रहता हैं तो उस ग्राहक को सबस्टैंडर्ड असेट्स की श्रेणी में गिना जाता हैं.
  • डाउटफुल असेट्स: जब बैंक को अपने ग्राहक को एक साल तक सबस्टैंडर्ड असेट्स में रखने के बाद जिस श्रेणी रखकर रकम वसूलने के प्रयास किये जाते हैं, उन्हें इस श्रेणी में डाल दिया जाता हैं.
  • लॉस असेट्स: यह NPA की वह श्रेणी हैं, जिसमें डाले गये ग्राहक पूरी तरह डिफौल्ट कर जाते हैं, तथा उनसे रिकवरी की उम्मीद ना के बराबर की जाती हैं.

हरेक बैंक की NPA की नीतियाँ कुछ कुछ समान तथा कुछ बिंदु अलग भी होते हैं. सामान्य तौर पर जब कोई व्यक्ति बैंक से लोन लेता हैं तथा उसे किश्तों में चुकाने का एग्रीमेंट करता हैं.

इस स्थिति में अगर ग्राहक लगातार तीन किश्त समय पर अदा नहीं कर पाता हैं तो बैंक उस खाते को NPA की श्रेणी में डाल देती हैं.

इस दौरान बैंक अपने ग्राहक के घर नोटिस भी जारी करता हैं. अगर नोटिस मिलने के बाद भी ग्राहक बैंक की किश्त की अदायगी नहीं करता हैं तो इस स्थिति में बैंक द्वारा Mortage Document जो कि लोन एग्रीमेंट के समय ग्राहक से लिए गये थे, उनके आधार पर बैंक प्रोपर्टी जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर देती हैं.

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