Poem on Save Tiger in Hindi | राष्ट्रीय पशु बाघ बचाओ कविता स्लोगन

Poem on Save Tiger in Hindi राष्ट्रीय पशु बाघ बचाओ कविता स्लोगन: बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु हैं. वर्ष 1973 में इसे यह दर्जा दिया गया. दुनिया में भारत को बाघों का घर कहाँ जाता हैं.

लगभग 70 प्रतिशत सिर्फ हमारें देश में हैं. तेजी से घटती बाघों की संख्या को नियंत्रित करने का कर्तव्य भी हमारा ही हैं. बाघ बचाओ आज के समय की पुकार हैं. 

हम  इस लेख में बाघ बचाने का संदेश देने वाली कविता Save Tiger Poem हिन्दी स्लोगन कोट्स और नारे यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं.

Poem on Save Tiger in Hindi

Poem on Save Tiger in Hindi | राष्ट्रीय पशु बाघ बचाओ कविता स्लोगन

Save Tiger Poem (1)

बडा बडा वोह ताकतवर
लाल व पीला रग लेकर
काली-काली धारी वाला
मैने देखा बाघ निराला।

सुनना, सूघना और देखना
बड़ी तीव्र इसकी क्षमता
वन, दलदल और घास भरे
मैदानो मे यह रमता।

बड़ी तेज इसकी रफ़्तार
लम्बी दूरी से थक जाये
धीरज और अवधान से छिपकर
निकट शिकार पे कूद लगाये।

शक्ति और गति का प्रतीक
राष्ट्रीय पशु यह कहलाता
प्रकृति के सतुलन मे
मुख्य भूमिका बाघ निभाता।

अवैध शिकार और उजड़े वन
सकट मे इसका जीवन
जगल मे घुसता विकास
करे वन्य जीवन का ह्रास।

विलुप्त हो जाए बाघ हमारे
इससे पहले हम जग जाए
सम्मान करे हम हर जीवन का
आओ चलो बाघ बचाओ।

मोनिका जैन ‘पंछी’ की यह आओ चलों बाघ बचाएं राष्ट्रीय पशु बाघ पर आधारित हिन्दी कविता हैं.

वास्तविक वस्तुस्थिति को दर्शाने वाले इस कविता में बाघों के आवास को किस विकास की दुहाई देकर खत्म किया जा रहा हैं.

इस बेहद मार्मिक वर्णन इस बाघ कविता में देखने को मिलता हैं.

Poem On Save Tiger For Kids (2)

जँगल का राजा बाघ होता है
वह जगल की शाअन होता है
भारत का राष्ट्रपशु होता है
सबसे तेज वह पशु होता है

जँगल मे मचता है हाहाकार
ना टिक पाता है कोई विशाल
यह करता है सभी का शिकार
इसका शरीर है बहुत विशाल

शरीर पर लम्बी धारियां है
मुह मे दातो की निशानिया है
जँगल का राजा बाघ होता है
वह जँगल की शाअन होता है

आए दिन हम बाघ बचाने के प्रोजेक्ट  के बारें में सुनते रहे हैं मगर सच्चाई यह हैं  कि निरंतर बाघों की संख्या में कमी हो रही हैं कहीं उनका शिकार कर लिया जाता हैं तो कहीं वे दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं.

इनसें  भी बच जाएं  तो मानव बस्तियों में  प्रवेश करते हैं लोग पागलों की तरह उस पर हमला कर मार डालते हैं. वन विभाग काफी हद तक बाघों की त्रासदी के लिए जिम्मेदार हैं.

वन अभ्यारण्यों में पर्यटन के नाम  जिन लोगों को वन कटाई का ठेका मिलता हैं उन्ही के द्वारा बाघों के आवास जानकारी ऐसे लालची लोगों तक पहुँच जाती हैं जो बाघों को मारकर उन्हें बेच डालते हैं.

बाघ बचाओ कविता सेव टाइगर पोएम

(3)

सिघम हू मे सिघम
हा मे हू शेर
मेरे सामने आते ही
हो जाये कोई भी ढ़ेर
जोर से सुन क मेरी दहाड़
जाये सब जीव जन्तु भाग
गाय बकरी का करू शिकार
कोई न जा पाये मेरे पास
देखो तुम भी बच के रहना
आये निकट तो बनोगे मेरा खाना

(4)

राष्ट्रीय पशु मै भारत का,
बाघ मुझे सब कहते.
वन्य जीव सारे जगल के,
मेरे वश में रहते.

साईबेरिया का मै वासी,
अब भारत की शान.
मुझे देख सकते हो जाकर,
रूस, चीन, ईरान.

रेत, घास, कीचड़, दलदल मे,
मै आवास बनाता.
हुई शाम सूरज ढलते ही,
मै शिकार पर जाता.

साभर, चीतल, नीलगाई मै,
बड़े स्वाद से खाता.
नही मिले तो चिड़िया खाकर,
अपनी भूख मिटाता.

मेरी परमशक्ति के सम्मुख,
हाथी शीश झुकाता.
राह छोड़ कर हट जाते सब,
जब मैं आता जाता.

short poem on save tigers in hindi: यहाँ दी गई बाघ बचाओं कविताओं का उद्देश्य आमजन तक बाघ की पीड़ा का संदेश पहुचाना हैं.

बाघ केवल अन्य वन्य जीवों की तरह एक प्राणी ही नहीं यह हमारे देश का गौरव हैं जिन पर शिकारियों की बुरी नजर पड़ चुकी हैं.

इसी का ही नतीजा हैं कि वर्ष 2017 और 18 में 201 बाघ मारें गये. यह बाघों की कुल संख्या का लगभग 10 प्रतिशत हैं.

वन एवं वन्य जीव विभाग प्रति 4 वर्ष में बाघों की संख्या जारी करता हैं. 2014 की बाघ गणना के अनुसार हमारे देश में कुल बाघ 2226 ही थे.

विगत दो वर्षों में इतनी बड़ी संख्या में मारे गये बाघ वाकई चिंता का विषय हैं. अब राजा महाराजाओं का जमाना भी नहीं रहा जिससे वे अपनी बहादुरी के प्रदर्शन के लिए इन वन्य प्राणियों का शिकार करे.

चीन में बाघों के अंगों की तस्करी की बड़ी मांग रहती हैं. इसलिए लोग नयें नयें तरीके अपनाकर बाघों को खत्म कर रहे हैं.

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