राबड़ी देवी का जीवन परिचय Rabri Devi Biography in Hindi

Rabri Devi Story History Biography in Hindi राबड़ी देवी का जीवन परिचय राबड़ी देवी बिहार की राजनीती का चर्चित चेहरा हैं| जिन्हें बिहार राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री होने का श्रेय प्राप्त हैं|

भारत के रेल मंत्री रह चुके और वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की धर्मपत्नी हैं| आप कई बार अपने अमर्यादित बोल के कारण टीवी चैनल और न्यूज पेपर की हेडलाइन में रहती हैं| लालू यादव और राबड़ी देवी के नो सन्तान हैं|

जिनमे 2 बेटे और 7 बेटिया हैं| Rabri Devi के मुख्यमंत्री बनने और राजनीती जीवन में आने का श्रेय लालू प्रसाद यादव को जाता हैं|

राबड़ी देवी का जीवन परिचय Rabri Devi Biography in Hindi

पूरा नामराबड़ी देवी
जन्म1956 गोपालगंज
व्यवसायराजनेता
आयु६६ वर्ष
राजनीतिक दलराष्ट्रीय जनता दल
पतिलालू प्रसाद यादव
धर्महिन्दू
संतान9
विशेषबिहार की प्रथम महिला मुख्यमंत्री

25 जुलाई 1997 तक बिहार की राजगद्दी बैठे लालू प्रसाद यादव के बहुचर्चित चारा घोटाले का पर्दाफाश हो गया, राजनैतिक दलों ने यादव के इस्तीफे की मांग की. बढ़ते राजनैतिक दवाब के कारण लालू ने इस्तीफा दे दिया.

दूसरे राजनैतिक दलों को राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख नेता और मुख्यमंत्री के त्याग पत्र और जेल के बाद एक अवसर दिखने लगा, मगर लालू ने जाते जाते वो चाल चल दी जिसका अंदाजा किसी को न था.

लालू प्रसाद यादव ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार के मुख्यमंत्री की गद्दी दे दी, इन्होने तीन कार्यकाल तक सत्ता सम्भाली, 2005 के बाद से वह राजनीति के अखाड़े से काफी दूर रह रही हैं.

2010 में राबड़ी देवी आखिरी बार सोनपुर और राघोपुर दोनों विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ी, मगर जनता ने उन्हें दोनों जगह से नकार दिया. उनकी जनता दल पार्टी महज 22 सीटों पर सिमट कर रह गई.

राबड़ी देवी ने यही से इति श्री नहीं की, 2014 के लोकसभा चुनाव में इन्होने फिर से सारण निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने का फैसला किया, मगर नतीजा फिर वही रहा उन्हें बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा.

इन्ही चुनावों के दौरान इन्होने नीतीश कुमार और लल्लन सिंह के खिलाफी अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया, लल्लन सिंह ने राबड़ी देवी के खिलाफ मानहानि का केस भी किया, इन पर आचार संहिता के उलंघन के भी आरोप लगे.

अब ऐसा लगता है लालू प्रसाद और राबड़ी देवी बिहार और देश की राजधानी से अप्रसांगिक हो गये हैं. उनके दो बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप यादव के लिए भी ये परिवारवाद की राजनीति का कारण बन रहे हैं.

शिक्षा

अपने एक साक्षात्कार में राबड़ी देवी बताती है कि वह पांचवी तक पढ़ी है उनके जमाने में न तो शिक्षा के उतने संसाधन थे जिससे बालिकाएं पढ़ सके न ही उतनी सामाजिक स्वीकृति थी.

वह कहती है कि उनके तिन भाइयों ने तो शहर जाकर पढाई कर ली मगर दो बहिनों समेत वह गाँव की स्कूल से आगे नहीं पढ़ सकी. इनका बचपन सेलर कलां गाँव में ही व्यतीत हुआ, जहाँ से करीब तीन मील की दूरी पर एक प्राथमिक विद्यालय हुआ करता था.

राबड़ी देवी की शादी (Marriage of Rabri Devi)

राबड़ी देवी का लालू प्रसाद यादव के साथ बाल विवाह हुआ था| 1973 में इनकी शादी अपनी उम्र से 11 वर्ष बड़े लालू यादव के साथ हुई थी| विवाह के समय लालू यादव की आयु 25 साल और राबड़ी देवी की आयु 14 वर्ष थी| हालाँकि इनका गौना तीन वर्ष बाद हुआ था|

इनकी शादी को 40 साल हो चुके हैं अब तक Rabri Devi 9 बच्चो की माँ बन चुकी हैं| जिनमे सात बेटी और 2 बेटे हैं, जो वर्तमान में RJD के विधायक भी हैं| राबड़ी की शादी के साथ ही लालू का राजनितिक कैरियर शुरू हो गया था|

1977 में वे जेपी आन्दोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे इसके बाद लोकसभा सदस्य बने| फिर 1991 में बिहार के मुख्यमंत्री बने| 1997 में जब लालू यादव जेल गये तो मिडिया में कुछ इस तरह के जोक्स आने लग गये| जिनमे बेटे Rabri Devi से अपने पापा के बारे में पूछते हैं” मम्मी पापा कब आएगे? मगर Rabri Devi के पास उस समय उन्हें देने के लिए कोई जवाब नही था|

इस राजखाने में आज भी उतना ही प्यार बरकरार हैं, जितना शादी के समय हुआ करता था| कई बार इस तरह की खबरे मिडिया में चलती हैं. जब कभी राबड़ी देवी का जन्मदिन या शादी की सालगिरह होती हैं| लालू यादव उन्हें फुल देना नही भूलते हैं|

लोग तो यह भी कहते हैं जो राबड़ी देवी कहती हैं लालू वहीं करते हैं| उनका राबड़ी के आगे कोई वश नही चलता| उन पर यह भी आरोप लगा जब बेटो को राजनीती में उतारा तो यह भी राबड़ी देवी के कहने पर किया|

राबड़ी देवी का मुख्यमंत्री बनना (Becoming chief minister of Rabri Devi)

इन्हे बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री होने का श्रेय प्राप्त हैं| लालू यादव के 1997 में पद से त्यागपत्र देने के बाद राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री पद के नामित की गयी| Rabri Devi तीन बार बिहार की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं| उनका पहला मुख्यमंत्री कार्यकाल दो वर्ष का 1997 से 1999 के मध्य रहा था|

इसके तुरंत बाद के विधानसभा चुनाव जो 2000 में हुए थे मुख्यमंत्री चुनी गईं| दूसरी दफा मुख्यमंत्री पद पर इन्हें मात्र 9 दिन ही कार्य करने का अवसर मिला| 2 मार्च को पद ग्रहण किया जबकि 11 मार्च को राबड़ी देवी को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था|

इनका सबसे लम्बा कार्यकाल तीसरी बार रहा , जो वर्ष 2000 में मुख्यमंत्री चुनी गयी| जिन्होंने 2005 तक इस पद पर कार्य किया| इसके बाद Rabri Devi ने फिर से मुख्यमंत्री बनने का प्रयास नही किया|

बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष

एक लम्बे समय तक राजनीति की मुख्य धारा से दूर रहने के बाद राबड़ी देवी का नाम एक बार फिर से राजनीति के गलियारों में गूंजने लगा हैं. राष्ट्रीय जनता दल को एमएलसी चुनावों में मिली जीत के बाद ये अब विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष चुनी गई हैं.

वर्ष 2020 में सदन में राजद के सदस्यों की संख्या अल्प होने के कारण उनसे यह पद छीन गया था, पिछले दो सालों से वह इस पद की राह देख रही थी जो अप्रैल 2022 में जाकर पूरा हुआ.

राबड़ी देवी पर आरोप (Rabri Devi accuses)

  • मुख्यमंत्री पद पर रह चुकी श्रीमती राबड़ी देवी पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने का आरोप कई बार लग चूका हैं| इन्होने बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार और JDU अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह पर एक आमसभा में अपशब्दों का प्रयोग किया था|
  • जिस पर लल्लन सिंह ने आपत्ति जताते हुए मानहानि का केस भी किया गया| इस मामले को मिडिया ने बड़े जोर से उठाया था जिसके बाद राबड़ी देवी के खिलाफ देशभर की सभी पार्टियों के नेताओ के कठोर बयान सुनने पड़े थे|
  • इसके अतिरिक्त इन पर एक नही कई बार चुनावी आचार सहिता Electoral ethics का भी आरोप लगा हैं|
  • जून 2017 में लालू प्रसाद यादव के परिवार पर आयकर टीम ने बड़ा छापा मारा हैं
  • मिडिया रिपोर्ट्स की माने तो लालू के बेटे बेटियों और सम्बन्धियों के पास बड़ी मात्रा में बेनामी सम्पति हैं
  • , बताया जा रहा हैं
  • राबड़ी देवी के पास राजधानी पटना में 18 बड़े प्लोट और इतने ही पार्किंग हैं
  • जो सम्पति ब्योरे में शामिल नही हैं| ANI की रिपोर्ट के अनुसार सुशिल मोदी ने आरोप लगाया हैं
  • कि इनके पास इतनी गुमनामी सम्पति हैं|
  • मोदी इससे पूर्व भी Rabri Devi और लालू पर आरोप लगा चुके हैं,
  • जिन पर बड़े घोटाले भी उजगार हो चुके हैं|

व्यक्तित्व

गोपालगंज जिले के हथुआ अनुमंडल के सेलार कलां गांव के शिवप्रसाद चौधरी की बेटी राबड़ी देवी का किचन से सत्ता के शिखर का सफर बेहद नायाब रहा हैं.

एक आम सरल व सादगी पसंद महिला ने जीवन में मिली जिम्मेदारियों के मुताबिक़ अपने व्यक्तित्व को परिपक्व बनाते बनाते देश की शीर्ष महिला राजनेत्री में स्वयं को शुमार करा लिया हैं.

इनके बचपन का नाम भानुमती था, मगर प्यार से लोग इन्हें रबड़ी रबड़ी कहने लगे और इसी से ही इनका नाम राबड़ी देवी हो गया. 20 लोगों के संयुक्त परिवार से निकलकर सूबे के मुख्यमंत्री पद की शोभा बनी.

राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाने का सुझाव सीताराम केसरी ने लालू यादव को दिया था, लालू ने इसका खुलासा अपनी आत्मकथा गोपालगंज से रायसीना रोड़ में किया हैं.

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