नमस्कार दोस्तों आज हम, Speech On Right To Education In Hindi शिक्षा के अधिकार पर भाषण RTE 2009 का भाषण लेकर आए हैं.
सभी के लिए निशुल्क शिक्षा का प्रावधान करने वाले इस कानून पर छोटी कक्षाओं के स्टूडेंट्स के लिए यहाँ आसान भाषण दिया गया हैं.
शिक्षा के अधिकार पर भाषण Speech On Right To Education In Hindi
प्रिय साथियों मुख्य अतिथि महोदय, सम्मानित मंच. आज मैं आपके समक्ष शिक्षा का अधिकार अधिनियम पर भाषण प्रस्तुत कर रहा हूँ, भारत सरकार ने 1 अप्रैल 2010 से 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बालक बालिकाओं को निशुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाने हेतु RTE 2009 को पारित किया.
2004 में सत्ता में आई यूपीए सरकार की यह सबसे बड़ी उपलब्धि कही जा सकती हैं, जिन्होंने संसद के रास्ते कानून बनाकर वंचित वर्गों के बालकों के लिए शिक्षा के द्वार खोल दिए.
भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राईट टू एड्यूकेशन की अनुमति मिलने के साथ ही यह प्रावधान संविधानिक श्रेणी में शुमार कर लिया गया.
शिक्षा के अधिकार कानून के तहत भारत का हर वह बालक जिसकी आयु 6 से 14 वर्ष की हैं अब बिना किसी खर्च के फ्री में शिक्षा प्राप्त कर सकेगा.
अधिनियम के अनुसार कक्षा 1 से 8 तक प्रत्येक बालक को निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मिल गया हैं. साथ ही 51 क के अनुसार प्रत्येक माता पिता का यह दायित्व है कि वह अपने पुत्र व पुत्री को प्राथमिक शिक्षा अवश्य दिलाए.
शिक्षा के अधिकार कानून के तहत अब बालक अपने नजदीकी किसी भी विद्यालय में न सिर्फ प्रवेश ले सकता हैं बल्कि सत्र दौरान स्थानान्तरण के लिए उन्हें रोका नहीं जाएगा.
अधिनियम के अनुसार प्रत्येक बालक बालिका को शिक्षा मुहैया कराने का दायित्व राज्य सरकारों का रहेगा. साथ ही सरकार विद्यालयों में पेयजल की सुविधा, खेलकूद की सामग्री, खेल का मैदान आदि का प्रबंध अपने स्तर पर करेगी.
इसमें कोई दो मत नहीं है कि देश का भावी भविष्य आज के बच्चों पर टिका हैं उन्ही की दशा और दिशा तय करेगी कि आगे राष्ट्र किस ओर जाएगा.
अतः सरकार तथा समाज को मिलकर बच्चों के लिए शिक्षा का प्रबंध किया जाना चाहिए. सरकार भी समय समय पर शिक्षा में नवाचार व आधुनिक विद्यालयों को स्थापित करे.
शिक्षा के अधिकार कानून लागू होने के बाद से ही इसके शुभ परिणाम सामने आ रहे हैं. पहले जो अभिभावक अपने बालकों को किसी निजी शिक्षण संस्थान या सरकारी विद्यालयों के खर्च का वहन नहीं कर पाते थे,
अब उनके बच्चें निजी विद्यालयों में 25 आरक्षित कोटे के साथ पढ़ रहे है, तथा सरकारी स्कूल में शिक्षा को पूर्ण रूप से मुफ्त कर दिया हैं.
निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत आरक्षित वर्ग के लिए रखे जाने तथा उसका वहन सरकार द्वारा किये जाने का निर्णय काफी विवाद का विषय रहा हैं.
इसके अतिरिक्त आजादी के सात दशक बाद सभी वर्गों के बच्चों को शिक्षा का अधिकार दे दिया जाना भारत में शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहा हैं.