Biography Of Malavath Poorna In Hindi: माउंट एवरेस्ट दुनियां की सबसे ऊँची चोटी हैं. यहाँ पर चढ़ाई करने की तमन्ना तो हर किसी को होती हैं. मगर इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं. मगर यदि यह कारनाम कोई 13 वर्षीय बालिका कर दे तो इसे क्या कहेगे. यह कोई चमत्कार नहीं बल्कि मालावत पूर्णा की कहानी है. जिन्होंने यह कारनामा कर दिखाया हैं. पूर्णा के नाम सबसे कम उम्रः में एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाले इंसान के रूप में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हो चुका हैं. बहादुरी की मिशाल पूर्णा भारत के तेलंगाना की निवासी हैं. चलिए उनकी जीवनी में जानते है इसकी पूरी कहानी.
Biography Of Malavath Poorna In Hindi | मालावत पूर्णा का जीवन परिचय
हम सभी जानते है कि माउंट एवरेस्ट विश्व की सबसे ऊँची चोटी हैं. अनेक पर्वतारोही उस चोटी पर चढ़ चुके हैं. भारत में महिलाओं में बछेंद्री पाल से लेकर संतोष यादव, प्रेमलता अग्रवाल, अरुणिमा सिन्हा के बाद मालावत पूर्णा भी उस चोटी पर चढ़ चुकी हैं.
मालावत पूर्णा का जन्म तेलंगाना के निजामाबाद जिले के पकल गाँव में 10 जून 2000 को हुआ था. उनके पिता आदिवासी हैं. और साधारण परिवार के किसान हैं. पूर्णा का बचपन गरीबी में बीता. उनके समाज में गरीबी के साथ लड़की का जन्म भी अभिशाप माना जाता था.
पूर्णा ने मात्र 13 साल की उम्रः में 25 मई 2014 को विश्व की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की थी. वह माउंट एवरेस्ट शिखर पर पहुचने वाली विश्व की सबसे युवा महिला पर्वतारोही हैं.
उन्होंने स्कूल में पढ़ी गई डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की इस बात को अपने जीवन में शामिल कर लिया था कि सपने वे नहीं होते हैं जो हम देखते हैं. बल्कि सपने वे होते हैं. जो हमें सोने नहीं देते हैं. पहाड़ों पर चढ़ने के सपने को उन्होंने वास्तविकता में साकार करके यह साबित कर दिया कि यदि व्यक्ति में हौसला और कामयाबी की लग्न हो तो वह सब कुछ प्राप्त कर सकता हैं.
हाल ही में उनके जीवन पर आधार फीचर फिल्म पूर्णा भी बनी हैं. इस फिल्म ने पूर्णा को घर घर पहुचा दिया हैं. और अब हर माता पिता अपनी बेटी को पूर्णा की आँखों के सपने दिखाने लगा हैं. यदि आप भी जिन्दगी में कामयाब और नेक इंसान बनने के सपने देखों और मेहनत से उन्हें पूरा करो. आपके कामयाब होने के बाद एक दिन आपकी चर्चा भी ऐसी ही होगी. जैसे कि आज पूर्णा की हो रही हैं.
राहुल बोस द्वारा इस युवा बालिका के जीवन की बायोपिक बनाई हैं. फिल्म की कहानी पूर्णा की असल कहानी को दिखाया गया हैं कि किस तरह एक साधारण परिवार से आने वाली लड़की ने मात्र 13 वर्ष की आयु में ही असाधारण कार्य कर दिखाया हैं. राहुल इस फिल्म के निर्देशक हैं. दिति इनामदार ने फिल्म में पूर्णा की भूमिका अदा की हैं. यह फिल वर्ष 2017 में रिलीज हुई थी. आज पूर्णा न सिर्फ भारत के लिए बल्कि दुनिया भर के साहसी लोगों के लिए आदर्श बन चुकी हैं.
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