सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर निबंध 2023 | Essay On Armed Forces Flag Day In Hindi

Essay On Armed Forces Flag Day In Hindi: नमस्कार दोस्तों आज हम सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर निबंध पढ़ेगे. 7 दिसम्बर को प्रतिवर्ष इंडियन फ्लैग डे अर्थात झंडा दिवस मनाया जाता हैं.

देश की तीनों सेनाओं के प्रति देश के नागरिकों द्वारा सम्मान एवं समर्थन प्रकट करने का यह दिवस हैं. एक सैनिक जो 50 डिग्री के पारे तथा माइन्स 30 डिग्री के बर्फ में हमारी रक्षा करते हुए कभी आतंकवादियों से लड़ता है तो कभी उग्रवादियों से. इस तरह एक नागरिक अपने सैनिक के सम्मान एवं आर्थिक सहयोग के लिए झंडा दिवस मनाते हैं.

Essay On Armed Forces Flag Day In Hindi

Essay On Armed Forces Flag Day In Hindi

Armed Forces Flag Day Short Essay, Speech In Hindi: स्कूल और कॉलेज में भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर निबंध व भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जाता हैं.

स्टूडेंट्स को झंडा दिवस पर निबंध लिखने को कहा जाता हैं. आज हम क्लास 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के स्टूडेंटस व टीचर्स के लिए 2023 झंडा दिवस भाषण, स्पीच, अनुच्छेद, लेख, पैराग्राफ यहाँ सरल भाषा में उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसकी मदद से अच्छा आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे एस्से लिख सकते हैं.

झंडा दिवस पर निबंध, Essay On Flag Day In Hindi

भारत की तीनों सशस्त्र सेनाओं में अपनी सेवाएं देने वाले सोल्जर्स की भलाई के लिए सशस्त्र बल झंडा दिवस के दिन फंड एकत्र किया जाता हैं. 50 वर्षों से यह भारतीय इतिहास व परम्परा का महत्वपूर्ण दिवस रहा हैं.

पहली बार झंडा दिवस 7 दिसम्बर 1949 को मनाया गया था. इस दिवस के मौके पर समस्त देश से सैनिकों के वेलफेयर के लिए पूरा देश आर्थिक सहयोग के लिए आगे आता हैं.

झंडा दिवस ही नाम क्यों

इस दिन को झंडा दिवस के रूप में इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इस अवसर पर आर्थिक कोष संग्रह के लिए फ्लैग स्टिकर्स वितरित किये जाते हैं.

मुख्य रूप से दो तरह के झंडों का वितरण होता हैं पहला राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा व दूसरा तीनो भारतीय सेनाओं का समन्वित फ्लैग जिसमें सबसे ऊपर लाल मध्य में गहरा नीला और सबसे नीचे हल्का नीला होता हैं मध्य में शोर्य बैज बना होता हैं.

इस दिन स्टिकर, कलरफुल फ्लैग और लेबल के रूप में यह झंडा देशवासियों एवं छात्र छात्राओं में वितरित किया जाता हैं. इस फंड का उपयोग युद्ध की स्थिति में जनहानि में मदद, सेना में सेवारत सैनिकों के परिवार के लिए सहायता एवं सेवानिवृत्त सैनिकों, विधवा महिलाओं तथा अनाथ सैनिक बच्चों के कल्याण हेतु यह कोष कार्य करता हैं.

सशस्त्र सेना झंडा दिवस का महत्व (Importance of Armed Forces Flag Day)

जब भारतीय सेना में एक सम्मिलित सैनिक देश की रखवाली के लिए घर से विदा लेता है तो वह इस प्रण से निकलता है कि वह देश की सेवा को पूर्ण निष्ठां से करेगा, भले ही उसे दुबारा लौटकर घर न आए.

देश के शत्रुओं से लड़ते लड़ते कई बार वे अपनी जान भी गवा देते हैं. आजादी के बाद भारत ने चीन के साथ 1962 में पाकिस्तान के साथ 1947, 1965, 1971 और 1999 के युद्ध लड़े हैं इन पांच युद्धों में लाखों की संख्या में भारतीय सैनिकों ने अपने प्राण गवाएं है कुछ ने अपने शरीर के कीमती अंगों को खोया हैं.

जिस कारण उनका जीवन अपाहिज हो चूका हैं. आए दिन जम्मू कश्मीर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में छद्म युद्ध चल रहा हैं. ऐसे में देश के सैनिकों तथा उनके परिवारों के कल्याण के लिए जुटाएं जाने वाले फ्लैग डे फंड का महत्व बढ़ जाता हैं.

देश के प्रत्येक नागरिक का यह दायित्व है कि वो अपने सैनिकों के परिवार की मदद की लिए तन, मन व धन से सहयोग करें. क्योंकि वे हमारी खातिर 24 घंटे सिर पर कफन बांधकर सेवा में हाजिर होते हैं.

भारत में सशस्त्र सेना झंडा दिवस समारोह (Armed Forces Flag Day Celebration in India)

28 अगस्त, 1949 वह दिन था जब भारतीय रक्षा मंत्रालय द्वारा झंडा दिवस मनाने की पहल शुरू की गई थी. बाद में इसे औपचारिक रूप से 7 दिसम्बर को मनाने का निश्चय हुआ.

यह दिवस भारत के जल, वायु और थल सेना के सैनिक और देश वासियों के मध्य सम्बन्ध को नया स्वरूप देता हैं. एक छोटे से प्रयास के जरिये लाखों परिवारों की मदद का कार्य झंडा दिवस के माध्यम से किया जाता हैं.

परम्परा के मुताबिक़ भारतीय जवान तिरंगा देशवासियों को देते हैं. मगर दूर दराज इलाकों में स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा इस फंड को संग्रह करने का कार्य किया जाता हैं.

स्कूल तथा कॉलेज में इस दिन झंडे के बने छोटे छोटे स्टिकर्स व बैनर विद्यार्थियों में वितरित किया जाता हैं. जिन्हें पिन से जोड़कर गर्व से टांगा जाता हैं. प्रति टिकट निर्धारित शुल्क जमा करवाकर सेना के लिए इस कोष में अपना योगदान देते हैं.

कैसे मनाया जाता है फ्लैग डे (How is flag day celebrated)

झंडा दिवस के अवसर पर भारत की तीनों सेनाओं इंडियन आर्मी, नेवी और एयर फ़ोर्स के सोल्जर्स इस दिन विभिन्न पारम्परिक खेलों एवं कल्चरल प्रोग्राम के द्वारा देशवासियों को अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन कर उनको देश की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया जाता हैं.

जवानों द्वारा इस दिन लोगों को झंडे वितरित कर अपने कामकाज और जीवन शैली के बारें में परिचय करवाया जाता है कि वे किस तरह दिन रात एक करके राष्ट्र की सुरक्षा का दायित्व निभा रहे हैं.

वर्ष 1993 से पूर्व तक युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों के परिवारजनों के लिए फंड, केंद्रीय सैनिक बोर्ड फंड, भूतपूर्व सैनिकों और सेवारत सशस्त्र बलों का वेलफेयर फंड, फ्लैग डे फंड, गोरखा एक्स सर्विस मैन वेलफेयर फंड, वॉर डिसेबल्ड फंड अलग अलग रूप से संग्रहित किये जाते थे.

मगर जिसे सशस्त्र सेना झंडा दिवस फंड में सभी का विलय कर दिया गया. देशभर से इस कोष के संग्रह का दायित्व केन्द्रीय सशस्त्र सेना की स्थानीय इकाई के पास हैं, जिसकी मदद कई सरकारी व गैर सरकारी संगठन भी करते हैं.

Leave a Comment