Essay On Vegetable Market In Hindi Language: नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आज हम सब्जी बाजार या सब्जी मंडी पर निबंध बता रहे हैं.
इस सरल निबंध, भाषण, स्पीच, अनुच्छेद,लेख के जरिये हम जानेगे कि सब्जी मंडी क्या होती है, इसका दृश्य कैसा रहता है, सब्जी मंडी में एक घंटा विषय पर बच्चों के लिए शोर्ट निबंध यहाँ दिया गया हैं चलिए पढ़ते हैं.
Essay On Vegetable Market In Hindi Language
जिस तरह अलग अलग वस्तुओं के विक्रय के लिए बाजार होते है जैसे छोटी बड़ी घरेलू वस्तुओं के लिए हाट बाजार, पशुओं के लिए पशु बाजार, मांस के लिए मांस मंडी, दूध के लिए दूध डेयरी, अनाज के लिए अनाज मंडी बनी होती हैं.
उसी तरह सब्जियों के थोक विक्रय स्थल को सब्जी मंडी कहा जाता हैं. गाँव, शहर के सभी सब्जी वाले यही से ताज़ी एवं सस्ती सब्जी प्राप्त कर आगे बेचते हैं.
किसान अपने खेत में उगी सब्जियों को पकने के साथ ही ट्रक में भरकर मंडी में बेचने आता हैं. इस तरह सब्जियों के बाजार में निरंतर ताज़ी व हरी सब्जियों का भंडारण होता रहता हैं.
देश के सभी छोटे बड़े शहरों में सब्जी मंडी होती है जो आमतौर पर सवेरे जल्दी पांच बजे खुलती हैं तथा उस समय खरीद के लिए व्यापारियों का हुजूम उमड़ पड़ता हैं.
हमारे शरीर के लिए आवश्यक विटामिन एवं खनिज लवणों की प्राप्ति का मुख्य स्रोत सब्जी ही होती हैं, जो विभिन्न प्रक्रमों के माध्यम से सब्जी मंडी से हमारे घर तक पहुँचती हैं. सब्जी मंडी के खुलने के समय का दृश्य बेहद भीडभाड से भरा एवं शौरगुल का होता हैं.
सब्जियों के विक्रेता चिल्लाकर जोर से सब्जियों की कीमते बताते हुए ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं सब्जी के बड़े बड़े थोक व्यापारियों की दुकाने तरह तरह की सब्जी से अटी पड़ी रहती हैं. आँखों को सुकून देने वाली हरी सब्जियों को इतनी बड़ी संख्या में केवल सब्जी मंडी में ही देखा जा सकता हैं.
सब्जी मंडी में बिताया गया एक घंटा हमें जीवन की उन सच्चाइयों से रूबरू करवाता है जिससे हम अभी तक अनजान रहते है हम यहाँ आकर जान पाते है कि हमारी रसोई में बनने वाली सब्जी को घर तक पहुचने के लिए कहाँ कहाँ से गुजरना पड़ता हैं,
मंडी में ग्राहकों को अपनी पसंद की सब्जी को देखने तथा स्वेच्छा से खरीदने की आजादी होती हैं. यहाँ काम करने वाले व्यापारी तथा मजदूर व्यस्त नजर आते हैं.
कुछ व्यापारी या ठेले वाले एक दूसरे से झगड़ते नजर आते हैं. बेचने के स्थान अथवा भाव को लेकर इनमें टकराव होता रहता हैं. यहाँ दस बीस से एक किवटल तक की सब्जी के छोटे बड़े पैकेट या कैरेट उपलब्ध रहते है,
जिन्हें हम लम्बी दूरी तक आसानी से ले जा सकते हैं. कुछ दुकानदार अपने ग्राहकों को कुछ रूपयों की छुट के साथ सब्जी बेचते है जबकि कुछ लोग पैसे को लेकर झगड़े पर उतारू हो जाते हैं.
सब्जी मंडी में कुछ लोग ऐसे भी होते है जिन्हें ग्राहकों के साथ बिना मतलब की बहस और विवाद करना होता हैं जो बिना देखे सड़ी गली या पुरानी सब्जियाँ भी ग्राहकों को दे देते हैं वे उन्हें चुनने का अवसर नहीं देते है तथा लापरवाही से तौल भाव करते हैं इससे कई बार हुडदंग का माहौल भी उत्पन्न हो जाता हैं.
भीड़ एकत्रित हो जाती हैं. कुल मिलाकर सब्जी बाजार का अनुभव मिला जुला रहता हैं ताज़ी सब्जियों की महक एवं आँखों को सुकून देने वाला यहाँ नजारा आमतौर पर देखने को मिलता हैं वही बहस, शौरगुल तथा भीडभाड़ का नजारा भी सब्जी मंडी में आम बात हैं.
Sabji mandi me ek ghanta essay hindi
कल सुबह मुझे अपने पिताजी के साथ सब्जी मंडी जाने का अवसर मिला. यह पहला अवसर था जब मैंने इतनी नजदीकी से सब्जियों के बाजार को देखा था.
पापा के स्कूटर पर बैठकर हम जल्दी सब्जी मंडी पहुँच गये, वहा हमने एक घंटा बिताया, जिसका अनुभव मेरे लिए बिलकुल नया और बहुत कुछ सिखाने वाला रहा.
अब तक मैं सब्जियों के इस बाजार से अपरिचित था. मैंने वहां जाकर पाया कि सब्जियों के भाव क्या है कैसे इसकी खरीददारी होती है तथा इतनी सारी सब्जियाँ आखिर रोजाना कहाँ से आती हैं.
दुनियां में जितने तरह के लोग होते उन सभी से आप सब्जी मंडी में मिल सकते हैं. कुछ लोग पैसे देकर भी सब्जी को देख परख कर नहीं खरीदते है जबकि कुछ अच्छी तरह देखभाल ही सब्जियाँ खरीदते है तथा तौल का पूरा ध्यान रखते है जबकि कुछ ऐसे लोगों को भी देखा जो एक दो रूपये के लिए लड़ाई करने पर उतारू हो जाते हैं.
सर्दियों के मौसम में मिलने वाली सभी सब्जियों के यहाँ ढेर थे, मेरी पसंद की गाजर भी थी, पिताजी ने इसे खरीदा. मैंने भी खाना शुरू कर दिया. गाजर सर्दियों की अच्छी सब्जी है कुछ लोग इसे सलाद, अचार, सब्जी या हलवे के रूप में उपयोग करते हैं.
यह आँखों की रौशनी बढ़ाने तथा इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने में भी सहायक हैं. इस तरह मैंने पिताजी के साथ सब्जी मंडी में एक घंटा बिताया जो मेरे लिए सदैव यादगार रहेगा.
सब्जी मंडी पर निबंध (400 शब्द)
सब्जी मंडी में तमाम प्रकार की सब्जियां बड़े ही आसानी से उपलब्ध होती है। एक प्रकार से यह भी मान सकते हैं कि सब्जी मंडी में ही किसान ला करके अपनी सब्जियां बेचते हैं।
सब्जी मंडी से सब्जी खरीदने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि यहां पर हमें अलग अलग वैरायटी की सब्जी मिल जाती है और उनकी कीमत भी कम होती है और इसीलिए लोग पैसे की बचत करने के लिए और अधिक मात्रा में सब्जी खरीदने के लिए सब्जी मंडी का रुख करते हैं।
अक्सर सुबह और शाम के समय में सब्जी मंडी में लोगों की काफी भीड़ दिखाई देती है। सब्जी मंडी में सब्जी खरीदने वाले लोग, सब्जी बेचने वाले लोग और सब्जी के कई व्यापारी भी आते हैं जिनमें से कुछ ग्रामीण इलाके के तो कुछ शहरी इलाके के होते हैं।
सब्जी मंडी में विभिन्न प्रकार की सब्जी जैसे कि टमाटर, आलू, मूली, मिर्च, धनिया, मटर इत्यादि मिल जाती है। सब्जी मंडी कहने को तो नाम की सब्जी मंडी होती है। यहां पर सब्जियों के अलावा विभिन्न प्रकार के फल जैसे कि आम, संतरा, सेब, अनार इत्यादि भी मिल जाते हैं।
हमारे शहर की सब्जी मंडी का नाम श्री नारायण सब्जी मंडी है। इसकी स्थापना साल 2005 में की गई थी। श्री नारायण सब्जी मंडी की स्थापना होने की वजह से हमारे आसपास के किसान भाइयों को अपनी सब्जी बेचने के लिए ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं होती है।
वह सब्जी मंडी में जा करके अपनी सब्जी आराम से बेचते हैं और कुछ ही देर में उनकी सब्जी हाथों-हाथ लोगों के द्वारा खरीद ली जाती है। इस प्रकार से किसान भाइयों को भी अपनी सब्जी का उचित दाम प्राप्त हो जाता है।
लोग सब्जी मंडी में आने के बाद विभिन्न दुकानों पर मोलभाव करते हैं और जिस दुकान पर उन्हें सस्ती कीमत पर अच्छी सब्जियां मिल जाती है वहां से वह खरीदारी करते हैं। शादी और दूसरे बड़े फंक्शन में लोग एक साथ सस्ती कीमत पर अधिक सब्जी खरीदने के लिए सब्जी मंडी ही आते हैं।
सब्जी मंडी के अंदर हर वर्ग के दुकानदारों के द्वारा सब्जियां बेचने का काम किया जाता है। अक्सर सब्जी मंडी शहरों में ही दिखाई देती है और वही से शहर के अन्य इलाके में छोटे छोटे दुकानदार सब्जी ले जाकर के सप्लाई करते हैं अथवा बेचते हैं।
सब्जी मंडी में दूसरे राज्यों से भी ट्रक में सब्जियां भर कर के आती है। सब्जी मंडी में अलग-अलग प्रकार के लोग भी होते हैं जिन्हें ट्रेडर कहा जाता है जो थोक में सब्जियां खरीदते हैं और बेचते हैं।
सब्जी मंडी पर निबंध (700 शब्द)
कड़ी मेहनत करके किसान भाई अपने खेतों में जो सब्जियां पैदा करते हैं, वह उन्हें बेचने के लिए पास की सब्जी मंडी में लेकर के जाते हैं, क्योंकि सब्जी मंडी मुख्य तौर पर सब्जी बेचने के लिए बनाई जाती है, साथ ही बड़े पैमाने पर विभिन्न प्रकार की सब्जियों को एक जगह लाने के लिए बनाई जाती है।
सब्जी का जो बाजार होता है उसे ही सब्जी मंडी कहा जाता है और लगभग हर शहर में एक बड़ी सब्जी मंडी होती है, जहां पर शहर के आसपास के सब्जी बेचने वाले दुकानदार भी आते हैं, किसान भी आते हैं, ठेकेदार भी आते हैं और सब्जी खरीदने वाले लोग भी आते हैं।
सब्जी मंडी में ताजा और अच्छे फल मिलते हैं। इसलिए लोग यहां पर ताजी चीजों को खरीदने के लिए आते हैं। सब्जी बेचने लोग ग्रामीण इलाके से कम दाम पर सब्जी खरीदते हैं और फिर इसे शहर में लाकर के और भी अच्छे दाम में बेचते हैं और मुनाफा कमाते है।
इसके अलावा जो किसान बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती करते हैं वह एक साथ अधिक सब्जी को ट्रैक्टर में भरकर के सब्जी मंडी में लाते हैं और सब्जी मंडी में लाने के बाद या तो थोक में ही वह किसी ठेकेदार को सब्जी बेच देते हैं या फिर धीरे-धीरे करके वह सब्जियां बेचते हैं।
सब्जी मंडी के खुलने का एक निश्चित समय होता है। कुछ सब्जी मंडी ऐसी होती है जो सुबह 8:00 बजे के आसपास में खुलती हैं, तो कुछ सब्जी मंडी सुबह 6:00 बजे ही खुल जाती हैं, वहीं कुछ सब्जी मंडी ऐसी है जो सुबह 10:00 बजे के आसपास में खुलती है और शाम को निश्चित समय में सब्जी मंडी बंद हो जाती है।
इस प्रकार से सब्जी मंडी के खुलने और बंद होने के समय के दरमियान ही लोगों को सब्जी मंडी में प्रवेश करने का अधिकार होता है। इसके पश्चात आपातकाल की अवस्था में सब्जी को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने वाली ट्रक के ड्राइवर को ट्रक सहित ही सब्जी मंडी में आने दिया जाता है।
सामान्य दिनों की तुलना में सब्जी मंडी में रविवार के दिन ज्यादा भीड़ होती है, क्योंकि इस दिन अधिकतर लोगों की ऑफिस अथवा काम काज से छुट्टी होती है और ऐसे में वह सोचते हैं कि चलो छुट्टी है तो क्यों ना सब्जी मंडी से सब्जी ही खरीद करके लाया जाए। सब्जी मंडी में ताजी सब्जियां तो मिलती ही है। इसके साथ ही सब्जी मंडी में ताजे फल भी मिलते हैं।
इसलिए जो लोग फल खरीदना चाहते हैं अथवा सब्जी खरीदना चाहते हैं अथवा दोनों ही चीज खरीदना चाहते हैं वह सब्जी मंडी में जाते हैं।
सब्जी मंडी से सामान लेने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि यहां से लोगों को कम दाम पर ताजी सब्जियां और फल प्राप्त हो जाते हैं। इससे उनके पैसे की बचत भी होती है साथ ही वह एक साथ विभिन्न प्रकार की सब्जियों को भी खरीद लेते हैं।
सब्जी मंडी में प्रवेश करने के बाद हमें विभिन्न प्रकार के दुकानदार दिखाई देते हैं जो सब्जी मंडी के रोड के अगल-बगल बैठे रहते है और वह अपनी अपनी सब्जियों को बेचने के लिए जोर जोर से “सब्जी ले लो सब्जी ले लो” चिल्लाते हैं। कुछ दुकानदार दूसरे दुकानदार से कम कीमत पर सब्जी बेचते हैं।
ऐसे में लोग कम कीमत पर सब्जी बेचने वाले दुकानदार के पास अधिक जाते हैं। सब्जी मंडी में हमें फूल गोभी, पालक, बंद गोभी, गाजर, मूली, लकी भिंडी करेला टमाटर और दूसरी सब्जियां आसानी से प्राप्त हो जाती है इसके अलावा फलों में हमें अनार सेब संतरा नाशपाती अंगूर पपीता जैसी सब्जियां भी प्राप्त हो जाती है।
सब्जी मंडी में तरह तरह के लोग आते हैं। कोई साड़ी पहन कर आता है तो कोई पैंट शर्ट पहन कर आता है तो कोई जिंस पहन कर आता है। इसके अलावा सब्जी मंडी में लगभग हर समुदाय और वर्ग के दुकानदार होते हैं जो निश्चित जगह पर ही बैठ कर के सब्जी बेचने का काम करते हैं।
सब्जी मंडी में सबसे अधिक भीड़ ठंडी के मौसम में होती है क्योंकि ठंडी के मौसम में बाजार में हरी पत्तेदार सब्जियां बिकने के लिए उपलब्ध हो जाती हैं।
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