प्रकृति का संदेश पर निबंध Hindi Essay On Prakriti Ka Sandesh : आज के प्रकृति और मानव (prakriti aur manav essay in hindi) के निबंध लेखन में आपका स्वागत हैं.
इस निबंध को आप प्रकृति की सुन्दरता के रूप में भी पढ़ सकते हैं. हम सब प्रकृति का हिस्सा है तथा जो कुछ हमें मिलता है अथवा हम पाते है वह इसी प्रकृति का हिस्सा हैं.
स्वयं को सम्मिलित करते हुए हमारे आस पास, पेड़ पौधे पर्वत जंगल जीव जन्तु जो भी सजीव तथा निर्जीव वस्तुएं देखने को आती है वे सब प्रकृति का हिस्सा हैं.
प्रकृति संदेश हिंदी निबंध में हम इस विषय को और विस्तार से जानेगे.
प्रकृति का संदेश पर निबंध Hindi Essay On Prakriti Ka Sandesh
मनुष्य के जीवन में प्रकृति का बहुत बड़ा महत्व हैं. हम सब कुछ प्रकृति से ही सीखते व अर्जित करते हैं. इस लिहाज से नेचर हमारे लिए शिक्षक की भूमिका निभाती हैं.
वह हमें जीवन जीने का तरीका सीखाती है ज्ञान प्रदान करती है तथा जीवन में कुछ अर्जित करने के लिए ज्ञान भी प्रदान करती हैं.
जो लोग शहरों अथवा नगरों में निवास करते हैं वे प्रकृति से पूर्ण रूप से कट जाते हैं. भारत के गाँवों में रहने वाले जनजीवन प्रकृति की सुन्दरता तथा प्रकृति और मानव सम्बन्धों को अच्छी तरह समझा जा सकता हैं.
हम जो कुछ सीखते है उनकी प्रेरणा हमें प्रकृति ही देती हैं. उदहारण के लिए जब हवाई जहाज नहीं थे तो मानव ने पक्षियों को उड़ते देखकर उनके मन में भी उड़ने की इच्छा जगी और और पक्षी के आकार के हवाई जहाज का निर्माण कर उस प्रेरणा को एक आविष्कार के रूप में परिणित किया.
राईट ब्रदर्स को हम हवाई जहाज का अविष्कारक मानते हैं. मगर उससे पहले भी यह कई लोगों के लिए प्रेरणा थी. रामायण के यूद्ध में इस तरह के एक पुष्प विमान का उल्लेख भी मिलता हैं.
कहने का अर्थ यह है कि हम जो कुछ सीखते है अथवा बनाते है उसकी प्रेरणा और ज्ञान हमें प्रकृति ही देती हैं. उस प्रेरणा पर हजारों वर्षों तक केवल चिंतन और मनन होता हैं आखिर में मानव उसे निर्मित करने में सफल हो जाता है.
प्रकृति का संदेश पर निबंध 2
प्रकृति अपने हरेक तरीके और स्वरूप से लाभ पहुचाती है दूसरी तरफ स्वार्थी मानव है जो सब कुछ मुफ्त में अर्जित करने के बाद भी प्रकृति को नाना तरीको से नुकसान पहुचाता हैं. कई बार जान बुझकर तो कभी भूलवंश ही हम उन कृत्यों को अंजाम दे ही देते हैं.
यदि हम सुखी जीवन जीना चाहते हैं तो चाहिए कि प्रकृति की सुंदरता को बिगाड़ने की बजाय उसको संरक्षित करने में अपना योगदान देवे. तभी हमारे और आने वाली पीढियों के सुखी जीवन का सपना साकार हो सकेगा.
प्रकृति के मानव पर अपार ऋण हैं जहाँ पेड़ पौधे हमें श्वास के प्राणवायु, फल फूल लकड़ी आदि देते है इस परोपकार के बदले हम निरंतर उनका विनाश करते जा रहे हैं.
हम जब भी व्यस्त जीवन में कुछ मानसिक आराम की सोचते है तो अमूमन प्रकृति की सुंदरता अथवा उनकी गोदी की ओर ही रुख करते हैं. मनोहारी प्रकृति की गोद में ही हमें शांति मिलती हैं.
प्रकृति उम्रः भर हमे सिखाती रहती है. शहर के लोग प्रकृति की सुंदरता को नहीं देख पाते है उनके पेड़ गमलों में ही उगते हैं अथवा बगीचे ही उनके लिए प्रकृति का स्वरूप होते हैं तालाब, बाग़ बगीचे या झील से अतिरिक्त शहरों में अधिक कुछ देखने को नहीं मिलता हैं.
कई स्थानों पर प्रकृति की सुंदरता के मध्य बच्चों को शिक्षा देने के लिए स्कूल खोले गये है जिनमें बेगलुरु का एक वैली स्कूल भी हैं.
इस स्कूल को प्रकृति की गोदी में वन्य जीवों तथा पेड़ पौधों के बीच स्थापित किया गया हैं. ताकि बच्चे प्रकृति रुपी गुरु का भी ज्ञान अर्जित कर सके.
प्रकृति का संदेश पर निबंध 3
आज समूची दुनियां प्रदूषण की समस्या का सामना कर रही हैं, मानव ने अपने स्वार्थ के चलते पर्यावरण का दोहन शुरू कर दिया है जिसका नतीजा आज हमारे समक्ष हैं. हमने प्रकृति के संदेश को भुला दिया हैं जिसका परिणाम हम नित्य बीमारियों तथा प्रदूषण के रूप में भुगत रहे हैं.
प्रकृति का संदेश क्या है सूरज चाँद, जल पेड़ ये सभी प्रकृति का ही संदेश हैं. अथवा इनसे हमें जीवन में बहुत सी बाते सीखने को मिलती हैं.
सूरज और पेड़ पौधे हमें ऊर्जा प्रदान करते हैं, चाँद हमें शीतलता देता है. नदी तालाब झरनों तथा बादलों से हमें बहुमूल्य जल मिलता हैं.
सूर्य पेड़ पौधों के भोजन बनाने में सहायक होता है जिससे हमें ऑक्सीजन की प्राप्ति होती हैं. इसके अतिरिक्त प्रत्यक्ष तौर पर सूर्य हमें गर्मी प्रदान करता है तथा विटामिन डी भी देता हैं.
प्रकृति का संदेश क्या है सूरज चाँद, जल पेड़ ये सभी प्रकृति का ही संदेश हैं. अथवा इनसे हमें जीवन में बहुत सी बाते सीखने को मिलती हैं.
सूरज और पेड़ पौधे हमें ऊर्जा प्रदान करते हैं, चाँद हमें शीतलता देता है. नदी तालाब झरनों तथा बादलों से हमें बहुमूल्य जल मिलता हैं.
सूर्य पेड़ पौधों के भोजन बनाने में सहायक होता है जिससे हमें ऑक्सीजन की प्राप्ति होती हैं. इसके अतिरिक्त प्रत्यक्ष तौर पर सूर्य हमें गर्मी प्रदान करता है तथा विटामिन डी भी देता हैं.
प्रकृति का संदेश पर निबंध 4
हम जिस सुंदर ग्रह पर निवास करते है वह है पृथ्वी, जिनकी सुंदरता यहाँ के पर्वत, नदी सूर्य चन्द्रमा वृक्ष लताएं सागर बढ़ाते हैं. हर इन्सान के जीवन में नेचर यानि कुदरत का बड़ा योगदान होता हैं.
जन्म से लेकर मृत्यु तक व्यक्ति प्रकृति के अनगिनत उपहारों का उपभोग करता हैं. श्वास लेने के लिए ऑक्सीजन, खाने के लिए अनाज व फल सब्जियां, पीने के लिए अमृत तुल्य जल, रोशनी तथा गर्मी के लिए सूर्य हमारे लिए जरुरी हैं.
पृथ्वी पर मानव जीवन के बेहतरी के लिए प्रकृति का अपना संतुलन तथा पारिस्थितिकी तंत्र बना हुआ हैं. इस चक्र के मुताबिक़ दिन रात तथा ऋतुएँ नियत समय पर आती हैं.
मगर मनुष्य द्वारा प्रकृति के शोषण के चलते हम स्वयं प्रकृति का संतुलन बिगाड़ चुके हैं. हमें जरूरत है प्रकृति प्रदत्त इन संसाधनों का सदुपयोग करने की ताकि हमारा यह चक्र ठीक से कार्य करता रहे और हम अपने जीवन को सुखी बना सके.
हमारे आस पास जो भी स्वरूप दिखाई देता है यही प्रकृति है. पर्यावरण जिसका एक भाग है जो हमारे जीवन के लिए बेहद जरुरी अंग हैं.
सुंदर फूल, आकर्षक पक्षी, जानवर, हरे वनस्पति, नीला आकाश, भूमि, समुद्र, जंगल, पहाड़, पठार ये प्रकृति की ही देन हैं. एक तरह से यूँ कहे कि ईश्वर द्वारा प्रदत्त यह सम्पति है जिनका हमें संरक्षण करना चाहिए.
Please ensure that you use Hindi words in a hindi essay. Writing ‘nature’ instead of ‘प्रकृति’ doesn’t make sense. And avoid using a full stop at the end of a hindi sentence. Hindi sentences are brought to an end by using a ‘|’ purnawiram sign. Overall content is good.