झाबरमल्ल शर्मा का जीवन परिचय | Jhabarmal Sharma Biography in Hindi

झाबरमल्ल शर्मा का जीवन परिचय Jhabarmal Sharma Biography in Hindi पत्रकारिता के भीष्मपितामह पंडित झाबरमल्ल शर्मा का जन्म जसरापुर में 1888 ई में हुआ.

उन्होंने कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की. बल्कि गाँव में ही हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत का ज्ञान प्राप्त किया. युवावस्था में इन्होने कलकत्ता के शिक्षा निकेतन से बंगला, संस्कृत और अंग्रेजी में प्रवीणता प्राप्त की.

झाबरमल्ल शर्मा का जीवन परिचय Jhabarmal Sharma Biography in Hindi

झाबरमल्ल शर्मा का जीवन परिचय | Jhabarmal Sharma Biography in Hindi

1905 ई में पं दुर्गाप्रसाद मिश्र ने झाबरमल्ल को हिंदी पत्रकारिता और सम्पादन की शिक्षा दी. इन्होने कलकत्ता से ज्ञानोदय और मारवाड़ी बंधु का सम्पादन किया. 1909 ई में इनके द्वारा भारत साप्ताहिक का सम्पादन शुरू किया गया.

इन्होने अपने गाँव में इतिहास अनुसंधान गृह स्थापित करके जनपदीय लोक साहित्य और पत्रकारिता पर निबंध लिखे. कुछ समय बाद वे अपने इतिहास अनुसंधान गृह के साथ जयपुर आ गये और यही अपना कार्य संपादित किया.

झाबरमल्ल शर्मा ने अनेक पुस्तकों का सम्पादन किया जिनमें सीकर का इतिहास, खेतड़ी का इतिहास, खेतड़ी नरेश और विवेकानंद, आदर्श नरेश, श्री अरविन्द चरित, हिंदी गीता रहस्य सार, आत्म विज्ञान शिक्षा, तिलक गाथा, भारतीय गोधन आदि प्रमुख हैं.

इन्होने शेखावटी का इतिहास, राजस्थान और नेहरु परिवार, मालविका, गुलेरी गरिमा ग्रंथ, गांधी गुणानुवाद आदि ग्रंथो की रचना कर महत्वपूर्ण तथ्यों को प्रकाश में लाने का कार्य किया.

पंडित झाबरमल शर्मा का व्यक्तिगत परिचय

नामझाबरमल्ल शर्मा
पिता का नामपंडित रामदयालु
जन्म1888
मृत्यु4 जनवरी 1983
जन्म स्थानजसरापुर
कार्यक्षेत्रसाहित्यकार, पत्रकार, समाज सेवक और इतिहासकार
सम्मानपद्म भूषण

शिक्षा

बता दें कि पंडित झाबरमल शर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा को हासिल करने के लिए किसी स्कूल में एडमिशन नहीं लिया था बल्कि इनके पिताजी ही वह व्यक्ति थे जिन्होंने पंडित झाबरमल शर्मा जी को प्रारंभिक एजुकेशन देने का काम किया था।

अपने पिता जी के मार्गदर्शन में ही पंडित झाबरमल शर्मा ने अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत और बंगाली लैंग्वेज के बारे में जानकारी हासिल की थी।

प्रारंभिक शिक्षा को हासिल करने के उपरांत पंडित झाबरमल शर्मा जी ने अपने पिता के गुरु कहे जाने वाले गणनाथ सेन के द्वारा शिक्षा प्राप्त करने के लिए कोलकाता शहर का रुख किया था और वहां पर उन्होंने साल 1906 से लेकर के साल 1907 तक गणनाथ सेन के द्वारा शिक्षा हासिल की थी।

झाबरमल शर्मा जी द्वारा कोलकाता समाचार कंपनी की स्थापना करना

आपने शायद अंग्रेजों के काले कानून रोलेट एक्ट के बारे में सुना ही होगा। इसी काले कानून का विरोध करने के लिए झाबरमल शर्मा जी के द्वारा साल 1914 में एक कंपनी की स्थापना की गई जिसका नाम इन्होंने “कोलकाता समाचार कंपनी लिमिटेड” रखा था। इस कंपनी के अंतर्गत झाबरमल शर्मा जी के द्वारा एक दैनिक समाचार पेपर को प्रकाशित किया जाता था जिसका नाम इन्होंने “कोलकाता समाचार” रखा था।

अपने इस अखबार में झाबरमल शर्मा जी के द्वारा अंग्रेजों के काले कानून का पुरजोर विरोध किया जाता था। हालांकि अपने इसी अखबार के कारण झाबरमल शर्मा जी को एक अंग्रेज अधिकारी के द्वारा यह धमकी भी प्राप्त हुई थी कि जितने भी मारवाड़ी जहां से आए हैं उन्हें उनकी जगह पर वापस भेज दिया जाएगा।

इसके प्रतिउत्तर में झाबरमल शर्मा जी ने “गवर्नर का गुस्सा” शीर्षक के साथ अपने अखबार में एक प्रिंट छापा था। जब यह प्रिंट बाहर आया तो अंग्रेज अधिकारियों के संज्ञान में भी यह बात आई। इसके बाद झाबरमल शर्मा जी को ₹2000 जमानत भरने के लिए कहा गया जिसे ना भरते हुए इस अखबार को पब्लिश करने का काम बंद कर दिया गया।

हालांकि कुछ ही महीनों के बाद एक उद्योगपति के द्वारा इसे खरीद लिया गया और फिर से पंडित झाबरमल शर्मा को ही इस अखबार का प्रकाशन करने की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद साल 1925 के दशक में फिर से कोलकाता समाचार छपने लगा।

झाबरमल शर्मा को प्राप्त सम्मान

हिंदी साहित्य की फील्ड में अभूतपूर्व योगदान देने के लिए उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट के द्वारा झाबरमल शर्मा जी को एक विशेष पुरस्कार के द्वारा सम्मान देने का काम किया गया था।

भारत के दूसरे सबसे बड़े पुरस्कार पद्म भूषण से भी पंडित झाबरमल शर्मा को साल 1982 में नवाजा जा चुका है।

मृत्यु

पंडित झाबरमल शर्मा अपने जीवन के आखिरी दिनों में भी हिंदी साहित्य लिखने का काम करते थे। इनकी मृत्यु भारत देश के राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में 4 जनवरी के दिन साल 1983 में हुई थी। इस प्रकार उन्होंने अपने जिंदगी का आखिरी समय राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में बिताया थे।

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हमने सार्वजनिक रूप से मौजूद जानकारी के आधार पर झाबरमल्ल शर्मा का जीवन परिचय | Jhabarmal Sharma Biography in Hindi का यह लेख तैयार किया हैं. आपको यह व्यक्तित्व कैसा लगा कमेंट कर अपनी राय अवश्य दे.

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