विश्व गणित दिवस क्या है World Math Day In Hindi: गणित एक व्यापक और हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उपयोगी विषय हैं.
गणित को समाज में मनोरंजक तरीके से पहुचाने के लिए अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं. ऐसे ही एक प्रोग्राम की शुरुआत 14 मार्च 2007 में एक ऑनलाइन प्रतियोगिता रखी गई थी. जो बेहद चर्चित रही.
गणित के इस रोचक व सफल कार्यक्रम के बाद हर साल गणित दिवस को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मनाने का निश्चय हुआ. उस दिन का 14 मार्च थी. इसे अमेरिकी भाषा में 3/14 इस तरह लिखा जाता हैं जो कि गणित की पाई का मान हैं. इसलिए हर साल इसी दिन विश्व गणित दिवस मनाया जाने लगा.
गणित दिवस World Math Day In Hindi
गणित की विशालता तथा गणित को और अधिक मनोरंजक बनाने हेतु राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं.
ऐसे ही एक कार्यक्रम की शुरुआत 2007 में 14 मार्च को हुई और पूरा विश्व ऑनलाइन होने वाली इस गणित प्रतियोगिता का दीवाना हो गया.
गणित के इस कार्यक्रम को विश्व गणित दिवस के रूप में मनाया गया. 14 मार्च को गणित दिवस मनाने के पीछे शायद इसे लिखने का अमेरिकी ढंग 3/14 में छिपा हैं जो पाई का मान है जिससे सब परिचित हैं.
विश्व गणित दिवस मनाने का कारण (Reason for celebrating World Mathematical Day)
पाई का नाम सुनते ही दिलोदिमाग में अपने भारतीय होने का एहसास चरम पर पहुच जाता हैं. क्योंकि भारतीय गणित के पुरोधा आर्यभट्ट ने ही पहली बार पाई का दशमलव के चार अंक तक सही मान पूरे विश्व को बताया था.
चतुराधिक शतमष्टगुण दवाश्तिष्टस्तथा सहस्राणम
अयुतद्यस्य विष्कम्भस्य आस्न्नौ वृतपरिणाह
अर्थात 62832 परिधि वाले वृत का व्यास 20000 होगा. π = परिधि/व्यास =62832/20000 =3.1416
जिस तरह पाई अनंत अंक तक चलने वाली संख्या हैं. उसी तरह गणित के क्षेत्र में भी भारतीयों का योगदान भी अनंत हैं. आर्यभट्ट ने पूरी धरती की परिधि, गोले का आयतन, क्षेत्रफल निकालने की विधि का प्रतिपादन किया तथा संख्या को अक्षरों स्वर और व्यंजनों की सहायता से लिखने की विधि की खोज की.
विश्व गणित दिवस पर भाषण, निबंध हिंदी में (Speech & Essay On World Math Day In Hindi
ब्रह्मगुप्त ने शून्य की सभी संक्रियाओं पर विवेचना की और भास्कराचार्य ने अपनी पुस्तक लीलावती के जरिये गणित के क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान दिया.
वैदिक काल में ऋषियों ने हवन कुंड को अलग अलग ज्यामिति आकृति देकर तथाकथित पाइथागोरस प्रमेय को बहुत पहले ही खोजने में सफलता पा ली थी.
शुल्क सूत्र नामक प्राचीन ग्रंथ में अपरिमेय संख्या और संख्या के अनंत की व्यापकता पर विवेचना देखने को मिलती हैं. महान व्याकरणविद आचार्य पिंगल ने तो इसा पूर्व 200 में अपनी पुस्तक छंदशास्त्र में शून्य का उल्लेख किया हैं और आज पूरे विश्व में जो संख्या लिखने की परिपाटी हैं. वह सब पूर्ण रूप से भारतीय हैं.
शून्य, दशमलव की खोज ही नही, वरन इसके संकेत का उल्लेख भी महाराजा जयवर्धन द्वितीय के शासन यानी 876 में मिले शिलालेख में मिलता हैं.
जहाँ से शून्य का वर्तमान संकेत लिया गया हैं. अंकगणित के ऊपर श्रीधर आचार्य, महावीर, ब्रह्मगुप्त, भास्कर, आचार्य हेमचन्द्र ने गहन काम किया. जिसे रामानुजन ने भी आगे बढाया और पार्टिशन नंबर, मोक थीटा फंक्शन जैसे कई शोधों द्वारा भारत का नाम रोशन किया.
विश्व गणित दिवस क्या है (What Is World Math Day Hindi)
विश्व को गणित की प्रत्येक विधा में योगदान देने के लिए आज भी विश्व भारत का ऋणी हैं, विश्व गणित दिवस के दिन हम विश्व को यहीं संदेश दे और गणित की अपनी प्रतिभा से पूरे विश्व को अपना लोहा मनवाएं, यहीं संकल्प ले.
प्रत्येक वर्ष 22 दिसंबर को भारतीय गणित दिवस अथवा राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) मनाया जाता हैं. यह श्री निवास रामानुजन के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता हैं.
राष्ट्रीय गणित दिवस 2023 National Mathematics Day In Hindi
गणितीय प्रतिभा के धनी श्रीनिवास रामानुजन जी की जयंती को भारत में हर साल राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है. 22 दिसंबर के दिन जन्मे रामानुजन का तपेदिक से सिर्फ 32 साल की आयु में देहांत हो गया था.
अपनी इस छोटी सी आयु में इन्होने दुनिया को 3500 गणितीय सूत्र दिए थे. जिन्हें आज तक गणितज्ञ समझ नहीं पाए हैं. राष्ट्रीय गणित दिवस को मनाने का उद्देश्य मानवता के विकास में गणित के महत्व को जन जन तक पहुचाया जाए. पहली बार वर्ष 2012 में भारत में राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया गया था.