राजनाथ सिंह का जीवन परिचय | Rajnath Singh Biography In Hindi अगर आपको सफलता की सीढियाँ कैसे चढ़ते है ये सीखना है ?? अगर आपको ज़मीन से जुड़े रहते हुए आसमान की ऊंचाइयों तक जाना है.
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ये सब सीखना है तो यक़ीन मानिये ये जीवनी आपके लिए ही है – हम आज जिस इंसान की जीवनी बता रहे है वो इंसान हमें धीरे धीरे अपने काम को करते जाना और सफलता की कहानी लिखते जाना सिखाते है ।
राजनाथ सिंह का जीवन परिचय | Rajnath Singh Biography In Hindi
ये ऊपर कही गयी सारी बाते आपको याद आएगी जैसे जैसे हम भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी के जीवन के बारे में जानते जाएंगे।
तो चलिए राजनाथ सिंह के परिवार से शुरू करते है और देखते है एक किसान के घर पैदा होने के बावजूद कैसे उन्होंने भारत जैसे विशाल देश के रक्षा मंत्री बनने तक का सफर तय किया-
राजनाथ सिंह का पारिवारिक परिचय
श्री राजनाथ का जन्म 10 जुलाई 1951 को राजपूत परिवार में उत्तरप्रदेश के भभौरा गांव में हुआ । जो कि चंदौली जिले में आता है ।
इनके पिता का नाम श्री राम बदन सिंह और माँ का नाम श्रीमती गुजरती देवी था । राम बदन सिंह खेती का काम करते थे। और मां एक ग्रहणी थी।
1971 में सावित्री सिंह से इनका विवाह हुआ । इनके 2 बेटे और 1 बेटी है । बेटो के नाम पंकज सिंह और नीरज सिंह है । अनामिका सिंह इनकी एकलौती बेटी है l
शुरुआती शिक्षा और राजनीति की तरफ झुकाव
शुरुआती शिक्षा अपने गांव से ही पूरी करने के बाद वे उच्च शिक्षा के लिए गोरखपुर चले गए । गोरखपुर यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में मास्टर्स की डिग्री ली ।
13 साल की उम्र में ही राजनाथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए और समय के साथ संघ के साथ इनका लगाव और हो गया । यहाँ तक की के. बी. पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में लेक्चरर के पद पर रहते हुए भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सक्रीय कार्य कर्ता और अच्छे पद पर थे ।
बचपन और जवानी में जो राजनीती से झुकाव हुआ वो और बढ़ता गया और देखते ही देखते राजनाथ राजनीति में उतर गए और भारतीय जनता पार्टी को शुरू से लेकर इतनी मजबूत पार्टी बनाने में बहुत योगदान दिया ।
राजनाथ सिंह का व्यक्तिगत परिचय
जन्मदिन – | 10 जुलाई 1951 |
पेशा – | राजनेता |
पार्टी – | भारतीय जनता पार्टी |
पसंदीदा नेता – | अटल बिहारी बाजपेयी |
शौक – | पुस्तके पढ़ना । |
प्रतिद्वंदी नेता – | अखिलेश यादव , राहुल गाँधी |
जाति – | राजपूत |
पता – | राजनाथ सिंह ,17 अकबर रोड , नई दिल्ली , पिन कोड – 110011 |
राजनाथ सिंह का राजनैतिक सफर
राजनाथ जी उन चंद लोगो में है जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी को इतनी दूर तक लेकर आये है । इन्होने भारतीय जनता पार्टी के लिए नीचे के स्तर कार्यकर्ता से शुरू किया और पार्टी के अध्यक्ष भी बने ।
इस पार्टी के साथ इन्होने अपने राजनितिक सफर में कई सारे उतर चढाव देखे, और वे इसके साथ चलते रहे । एक साधारण कार्यकर्ता से भारत के रक्षा मंत्री तक का राजनाथ जी का सफर देखना काफी दिलचस्प रहेगा तो चलिए देखते है –
1964 – | 13 वर्ष की उम्र में राजनाथ जी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े । |
1969-71 | के बीच राजनाथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ( RSS ) के सचिव रहे । |
1972 – | मिर्जापुर के शाखा महासचिव बने । |
1974 – | उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर क्षेत्र के भारतीय जनसंघ सचिव के रूप में चुने गए । |
1975 -सिंह 18 महीने रहे जेल में
राजनाथ जी 1975 के आस पास कांग्रेस सरकार के खिलाफ चलाये जा रहे जयप्रकाश नारायण के जेपी आंदोलन से काफी प्रभावित थे और इसी वर्ष वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे और मिर्जापुर से विधान सभा के सदस्य चुन लिए गए।
1975 में हुए जेपी मूवमेंट के साथ भारत में आपातकाल लग गया और इस आंदोलन में भाग लेने वाले खूब सारे लोगो को गिरफ्तार कर लिया गया ।
राजनाथ सिंह को 18 महीने के लिए जेल में रहना पड़ा । जब वे जेल से रिहा हुए उसके बाद इनको फिर से विधान सभा के लिए चुन लिया गया । उसके बाद वो पूरी तरह से राजनीति की तरफ समर्पित हो गए ।
1977- | जेल से रिहा होने के बाद वे मिर्जापुर से चुनाव में जीतकर सासंद बने । |
1984- | भाजपा युवा मोर्चा के राज्य अध्यक्ष बने । |
1986 – | भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव बने । |
1988 – | भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का गौरव हासिल किया । इसी साल वह उत्तरप्रदेश की विधान परिषद् के सदस्य चुने गए । |
1991 में शिक्षा मंत्री बने
जब भारतीय जनता पार्टी ने उत्तरप्रदेश में सरकार बनाई तब उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया गया । इन्होने शिक्षा मंत्री के रूप में एंटी कोपिंग एक्ट 1992, विज्ञानं ग्रंथो का आधुनिकरण , और वैदिक गणित को पाठ्यक्रम में शांमिल करने जैसे काम करके सबको प्रभावित किया ।
28 अक्टूबर 2000 को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने
शायद बहुत कम लोग ये बात जानते हैं की राजनाथ सिंह सन 2000 में उत्तरप्रदेश के 19 वे मुख्यमंत्री भी बने थे ।
2 साल तक मुख्यमंत्री रहे राजनाथ सिंह और इनके शासन में राष्ट्रपति शासन सफल रहा । इनको मुख्यमंत्री चुने जाने के पीछे वजह ये थी की ये जेपी मूवमेंट से ही काफी सक्रीय थे राजनीती में, और इस वक्त तक इन्होने उत्तरप्रदेश और भाजपा की नजरो में एकदम साफ़ और बेदाग छवि बना रखी थी । इनके बाद मायावती उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री बनी ।
2005 – 31 दिसंबर को भाजपा के अध्यक्ष बने राजनाथ जी –
अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के बाद राजनाथ ही ऐसे व्यक्ति है जिन्हें 2 बार भाजपा के अध्यक्ष बनने का गौरव हासिल कर पाए है ।
भाजपा के अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल 2005 से 2009 तक रहा । भाजपा ने 2013 में शानदार जीत हासिल की थी ।
23 जनवरी 2013 में वह दूसरी बार भाजपा के अध्यक्ष बने और 2014 लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी को शानदार जीत दिलाने के बाद उन्होंने गृहमंत्री का पद सँभालने के लिए भाजपा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था । इन्होने लोकसभा चुनाव लखनऊ सीट से लड़ा और शानदार जीत दर्ज कर सांसद सदस्य बने ।
2014 – राजनाथ सिंह जी बने केंद्रीय गृहमंत्री
26 मई 2014 को प्रंधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गठित भारतीय सरकार में माननीय राजनाथ सिंह ने गृहमंत्री के पद की शपथ ली । इन्होने 2019 तक गृहमंत्री का कार्यभार पूरी लगन और निष्ठा से संभाला ।
गृहमंत्री के रूप में इन्होने अक्षय कुमार के साथ “भारत के वीर” पोर्टल की शुरुआत की और अपनी एक महीने की सैलेरी इस में डाल कर सबसे आह्वान किया कि वो भी शहीदों के परिवार के लिए अपनी तरफ से योगदान दे ।
राजनाथ सिंह की उपलब्धिया
- 1992 में जब ये शिक्षा मंत्री थे तब इन्होने एंटी कोपिंग एक्ट पास कराया
- राजनाथ जी जब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब इन्होंने रिजर्वशन के फॉर्मेट को सही किया ताकि सभी योग्य लोगों को आरक्षण का लाभ पहुंच सके।
- 1998 में जब ये उत्तरप्रदेश के राज्य अध्यक्ष थे तब बीजेपी को 58 सीट दिला कर उन्होंने शानदार जीत दिलाई .
- 2000 में जब वो सरफेस ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर(Surface Transport minister ) थे तब इन्होने अटल बिहारी बाजपेयी के ड्रीम प्रोजेट नेशनल highway डेवलपमेंट प्रोजेक्ट और सवर्णिम चतुर्भुज प्रोजेक्ट को शुरू किया ।
- जब कृषि मंत्री थे तब इन्होने कृषि लोन को 14-18% से घटा कर 8 % कर दिया इसके अलावा भी किसानो के लिए उन्होंने खूब सारे काम किये जैसे की कृष कमीशन शुरू किया और फार्म्स इनकम इंश्योरेंस स्कीम शुरू की l
- राजनाथ सिंह जब 2005 में भाजपा के अध्यक्ष बने तब इन्होने भारतीय जनता पार्टी को भारत के अधिकतर हिस्से तक फ़ैलाने का काम बहुत शानदार तरीके से किया । वो भारत सुरक्षा यात्रा का हिस्सा भी रहे और
- इस दौरान इन्होने आंतरिक भारत के खूब सारे मुद्दों , आतंकवाद की जटिल समस्या , किसानो के हितो के लिए , भड़ती महगाई , बढ़ती बेरोजगारी जैसे अनेक मुद्दों को सरकार के सामने लाकर रखा और जनता से भाजपा को जोड़ते चले गए ।
- जब ये बीजेपी के अध्यक्ष थे तब इन्होने महिलाओ को पार्टी में 33% स्थान देकर रिकॉर्ड बनाया ये विश्व की पहली ऐसी पार्टी थी जो महिलाओं को अपनी पार्टी में इतनी भारी संख्या में शामिल किये ।
- जब ये बीजेपी के अध्यक्ष थे तब इन्होने उन सभी राज्यों जिनमे बीजेपी का शासन चल रहा था उन को सुझाव दिया कि वे किसानो को मात्र 1% ब्याज पर लोन उपलब्ध कराये ।
राजनैतिक विवाद
वैसे तो राजनाथ जी बहुत सुलझे हुए और सशक्त व्यक्तित्व के धनी है । बहुत अच्छी तरह से शब्दो को इस्तेमाल करते है । यूँ कह लो की कम कहो अच्छा कहो वाले फॉर्मूले की तरह बोलते है
और सबको अपनी तरफ आकर्षित करते है पर फिर भी राजनीति में आपकी हर बात को तोड़ मरोड़ कर पेश कर दिया जाता है और ऐसी से कुछ विवाद भी राज नेता के साथ जुड़ ही जाते है । ऐसे ही उनसे जुड़े कुछ विवाद जिन्होंने सबका ध्यान खिंचा ।
” मी टू अभियान ” पर विवाद
2018 के चर्चित ” मी टू अभियान ” के बारे में सुना होगा । इस अभियान के तहत महिलाओ को उनकी लाइफ में कभी भी योन शोषण , शारीरिक शोषण या किसी भी तरह की हिंसा का सामना करना पड़ा हो उन सभी महिलाओ के आत्मा सम्मान को वापस लेने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए इस ” मी टू अभियान ” अभियान ने काफी चर्चा बटोरी थी ।
इसी समय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भाजपा के खिलाफ महा गठबंधन करने वाली पार्टियों पर व्यंगात्मक तरीके से कहा कि ” कि सारी विपक्षी पार्टियां भाजपा के खिलाफ होकर कांग्रेस में मत मिल जाना बाद में उन्हें कांग्रेस से देखा मिलने पर कांग्रेस के खिलाफ ही मी टू अभियान न चलना पड़े ।
बेटे पंकज को लेकर विवाद में फंसे राजनाथ जी
2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद राजनाथ जी के बेटे पंकज पर राजनितिक दुरूपयोग को लेकर मोदी द्वारा दांत लगाए जाने की बात सामने आने पर राजनाथ सिंह ने गुस्से में बयान दिया था कि ” मेरे या मेरे परिवार पर किसी तरह का चार्ज लगाए जाने की अफवाह उड़ाई जा रही है
इसमें एक जरा सी भी सच्चाई है तो सबूत दिखावो मैं राजनीति छोड़ दूंगा ।” इस मुद्दे को ओर लम्बा खींचते हुए कांग्रेस के नेता अजय माकन ने कहा कि पंकज सिंह पर किस तरह के चार्ज लगे है ?? जिनके बारे में राजनाथ राजनीति तक छोड़ने कि बात कर रहे है ।
राजनाथ सिंह के बारे में कुछ अनकही रोचक बातें
- राजनाथ जी ने कृषि मानती के पद पर रहते हुए किसानो के लिए कृषि आय बीमा और किसान कॉल सेंटर जैसी शानदार स्किम की शुरुआत की ।
- 2005 में भाजपा अध्यक्ष के तौर पर इन्होने पुरे भारत की यात्रा की ।
- अटल बिहारी बाजपेयी की तरह राजनाथ भी हिंदी भाषा के अनुचर है और इनका मानना है कि अंग्रेजी के उपयोग से युवा पीढ़ी भारतीय संस्कृति और विदेशी कल्चर के बीच भ्रमित होती है । विदेशी भाषा के प्रति आकर्षित होकर हिंदी अपनों के बीच अनजान हो सकती है ।
- 1997 में राजनितिक संकट के समय इन्होने भाजपा सरकार को 2 बार बचाने में बेहतरीन काम किया ।
- राजनाथ सिंह “राम मंदिर के मुद्दे’ को बिना किसी राजनीति के , सिर्फ हिन्दुओ की भावनाओ को ध्यान में रखते हुए सहजता से सुलझाना चाहते थे । पर दिसंबर 2018 में एक रैली को सम्बोधित करते हुए राजनाथ और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उस समय बड़ी दुविधा में पद गए जब भीड़ में जोर जोर से नारे लगने लग गए ” जो राम मंदिर बनाएगा वोट उसी को जायेगा ” . हालाँकि जैसे तैसे राजनाथ ने वो रैली सम्बोधित की ।
- राजनाथ सिंह जी भारतीय राजनीती में बहुत ही साफ़ सुथरी छवि रखते है । ये उन चाँद लोगो में से है जिनका विपक्ष पार्टी के लोग भी सम्मान करते है । इन्होने राजनीति को सुधार के लिए अपनाया है ।
भारतीय जनता पार्टी के बहुत पुराने अनुभवी और सशक्त नेता है । इन्होने इस पार्टी को शुरू से देखा है इसमें अपना खून पसीना लगाया है ।
उम्मीद करते है ऐसे ही राजनाथ जी भारत के लिए और अपनी भारतीय जनता पार्टी के लिए अच्छे से अच्छा काम करते जाये ।
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उम्मीद करते है फ्रेड्स राजनाथ सिंह का जीवन परिचय Rajnath Singh Biography In Hindi का यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा. अगर आपको राजनाथ जी की जीवनी बायोग्राफी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.